गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने एक अनोखा निर्णय लिया है. उन्होंने कहा आजकल ड्रैगन फ्रूट काफी चलन में है और ड्रैगन का नाम चाइना से जुड़ा हुआ है. इस सोच को रखते हुए उन्होंने कहा चुकी ड्रैगन फ्रूट काफी हद तक कमल के पुष्प की तरह दिखता है तो उन्होंने ड्रैगन फ्रूट का नाम बदल कर कमलम रख दिया आगे से ड्रैगन फ्रूट को कमलम नाम से गुजरात प्रदेश में जाना जाएगा.
ड्रैगन फ्रूट ‘कमलम’ जिसे पिताया फल नाम से भी जानते हैं, इसे ज्यादातर मेक्सिको और सेंट्रल एशिया में खाया जाता है। यह फल खाने में काफी कुछ तरबूज की तरह मीठा होता है। देखने में काफी आकर्षक लगने वाले इस फल में बाहर की ओर स्पाइक्स होते हैं अंदर की तरफ सफेद होता है और इसमें काले रंग के बीज होते हैं।

ड्रैगन फ्रूट ‘कमलम’ हेल्थ के फायदे:
1.कोलेस्ट्रॉल के लिए अच्छा
ड्रैगन फ्रूट में कोलेस्ट्रॉल के लिए अच्छा होता है, इसे डाइट में शामिल करने से दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद मिलती है. इसके बीजो में ओमेग-3,ओमेगा-6 फैटी एसिड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट्स होते हैं जो आपके स्वास्थ के लिए अच्छा होता है.
2. इम्यूनिटी बूस्ट
ड्रैगन फ्रूट में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होती है जिससे आपके इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है जिससे शरीर को कई संक्रमणों और बीमारियों के बचाने में मदद मिलती है. ड्रैगन फ्रूट में उच्च पानी की मात्रा आपके शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करती है. इसमें आयरन औऱ फाइबर होता है जो आपको स्वस्थ बनाए रखता है.
3. कैंसर से बचाव
ड्रैगन फ्रूट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स से होने वाले कैंसर सेल्स के उत्पादन को रोकने में मदद कर सकते हैं. इस फल में मौजूद क्रोटीन एंटी-कार्सिनोजेनिक गुणों से भरपूर होते हैं जो ट्यूमर के खते को कम करने में मदद करता है.
4.ब्लड शुगर के लिए अच्छा
ड्रैगन फ्रूट में फाइबर की हाई मात्रा होने के कारण डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, क्योंकि यह डायबिटीज के रोगियों में शुगर के लेवल को स्थिर करता है और शुगर स्पाइक्स को रोकने में भी मदद करता है.
5. डाइजेशन में सुधार
ड्रैगन फ्रूट में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है और ये आपके पाचन के लिए अच्छा होता है और इससे पेट से जुड़ी कई सारी परेशानियां जैसे कब्ज,अपच और एसिडिटी को कम करने में मदद करता है. अगर आप हर दिन इसे खाएंगे तो इससे आपको कोलोरेक्टल कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद मिलता है.
अब देखते हैं कि अन्य प्रदेशों में किस प्रकार का बदलाव होता है.