आज का दिन 15 जून समय के इतिहास में-

बंटवारे के प्रस्ताव को स्वीकृति – साल 1947 में तेजी से बदल रही परिस्थितियां नये रूप-रंग में सामने आ रही थीं। इसमें भारत की आजादी जैसे फूल थे तो देश के बंटवारे का नश्तर भी। 03 जून को लॉर्ड माउंटबेटन की विभाजनकारी योजना ‘थर्ड जून प्लान’ कांग्रेस और मुस्लिम लीग के नेताओं के सामने रखी जा चुकी थी। उन्हें विचार के लिए समय दिया गया। कांग्रेस को अंग्रेजों से आजादी चाहिये थी और मुस्लिम लीग को अंग्रेजों से आज़ादी के साथ-साथ अलग देश भी।लिहाजा, ‘थर्ड जून प्लान’ या माउंटबेटन प्रस्ताव पर विचार करने के लिए 14-15 जून को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (AICC) की बैठक हुई।

अबुल कलाम आजाद और पुरुषोत्तम दास टंडन के अलावा कुछ अन्य कांग्रेस सदस्यों ने भारत विभाजन के प्रस्ताव का विरोध किया लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष आचार्य जेबी कृपलानी सहित दूसरे सदस्यों ने बोझिल मन से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। देश में उस वक़्त जैसे हिंसक हालात थे, प्रस्ताव को मंजूर करने के सिवा दूसरा विकल्प था भी नहीं।कांग्रेस की मंजूरी के बाद 4 जुलाई 1947 को ब्रिटेन की संसद ने भारत विभाजन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

अगले चार दिनों के भीतर 8 जुलाई को सिरिल रेडक्लिफ को माउंटबेटन प्रस्ताव के मुताबिक प्रस्तावित दो देशों- भारत और पाकिस्तान का नक्शा बनाने का काम सौंपकर दिल्ली रवाना भी कर दिया गया।लंबे संघर्षों और हजारों लोगों के बलिदान के बाद 15 अगस्त 1947 को आज़ादी तो मिल गयी लेकिन देश के बंटवारे के साथ-साथ अंग्रेजों ने दोनों देशों के बीच खून और नफरत में सनी ऐसी पटकथा लिख दी, जिससे लाखों लोगों को बेघर होकर इधर से उधर होना पड़ा। करीब 1.45 करोड़ शरणार्थियों ने अपना घर-बार छोड़कर बहुमत संप्रदाय वाले देश में शरण ली। सबसे ज्यादा ख़ौफनाक यह कि इस दौरान हुए भीषण दंगों में 20 लाख से ज्यादा लोग मारे गए। इतिहास में ऐसा उदाहरण दूसरा नहीं है।

ALSO READ -  शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) की तिथि घोषित की, कल से कर सकेंगे आवेदन-

आज 15 जून के अन्य महत्वपूर्ण घटना चक्र–

1896- जापान के इतिहास के सबसे विनाशकारी भूकंप और सुनामी से 22 हजार लोगों की जान गयी।

1908- कलकत्ता शेयर बाजार की शुरुआत।

1954- यूरोप के फुटबॉल संगठन यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन का गठन।

1988- नासा ने स्पेस व्हिकल एस-213 लॉन्च किया।

1994- इजराइल और वेटिकल सिटी में राजनयिक संबंध स्थापित।

2006- भारत और चीन ने पुराना सिल्क रूट खोलने का निर्णय लिया।(हि.स.)

Next Post

गलवान के शेर - भारत के 20 जवानों की शहादत का एक साल पूरा

Tue Jun 15 , 2021
Share this... Facebook Twitter Linkedin Telegram Whatsapp – भारत ने बुनियादी ढांचे का निर्माण करके पूरे लद्दाख क्षेत्र में खुद को मजबूत किया – एलएसी पर चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए […]
Galvan Ghati 1 Year

You May Like

Breaking News

Translate »