आलू सब्जियों का राजा यूँ ही नहीं है – गुणों और सेहत से भरपूर भी है –

आलू में CALCIUM कैल्शियम, IRON लोहा, VITAMIN-B विटामिन-बी तथा PHOSPHORUS फास्फोरस बहुतायत में होता है-

भारत INDIA में पाई जाने वाली सब्जियों में POTATO आलू बहुतायत में पाया जाता है, इसमें गुणों का भंडार होता है। इसीलिए इसे सब्जियों का राजा भी कलह जाता है। आलू को किसी भी सब्जी में मिलाकर आसानी से बनाया जा सकता है। यह जितना सस्ता मिलता है, उसके विपरीत गुणों का भंडार है।

NUTRITIONAL FACTS ABOUT POTATO

आलू में CALCIUM कैल्शियम, IRON लोहा, VITAMIN-B विटामिन-बी तथा PHOSPHORUS फास्फोरस बहुतायत में होता है।

आलू खाते रहने से रक्त वाहिनियां बड़ी आयु तक लचकदार बनी रहती हैं तथा कठोर नहीं होने पातीं, इसलिए आलू खाकर लम्बी आयु प्राप्त की जा सकती है।

आलू में विटामिन बहुत होता है। इसको मीठे दूध में भी मिलाकर पिला सकते हैं। आलू को छिलके सहित गरम राख में भूनकर खाना सबसे अधिक गुणकारी है या इसको छिलके सहित पानी में उबालें और गल जाने पर खाएं।

यदि दो-तीन आलू उबालकर छिलके सहित थोड़े से दही के साथ खा लिए जाएं तो ये एक संपूर्ण आहार का काम करते हैं।

करीब करीब सभी में ये भ्रम है कि आलू से मोटापा बढ़ता परन्तु सच कहे तो ऐसा नहीं है। आलू को तलकर तीखे मसाले, घी आदि लगाकर खाने से जो चिकनाई पेट में जाती है, वह चिकनाई मोटापा बढ़ाती है।

आलू को अगर उबालकर अथवा गर्म रेत या कंडे कि राख में भूनकर खाना लाभदायक और निरापद है।

आलू के छिलके ज्यादातर फेंक दिए जाते हैं, जबकि छिलके सहित आलू खाने से ज्यादा शक्ति मिलती है। जिस पानी में आलू उबाले गए हों, वह पानी न फेंकें, बल्कि इसी पानी से आलुओं का रसा बना लें। इस पानी में मिनरल और विटामिन बहुत होते हैं।

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आलू पीसकर, दबाकर, रस निकालकर एक चम्मच की एक खुराक के हिसाब से चार बार नित्य पिएं, बच्चों को भी पिलाएं, ये कई बीमारियों से बचाता है। कच्चे आलू को चबाकर रस को निगलने से भी बहुत लाभ मिलता है।

जिन व्यक्तियों के पाचनांगों में एसिडिटी अम्लता (खट्टापन) की अधिकता है और उन्हें खट्टी डकारें आती हैं, वायु अधिक बनती है, उनके लिए गरम-गरम कंडे की राख या रेत में भुना हुआ आलू बहुत लाभदायक है।

आलू के कुछ प्रचलित आसान घरेलू नुस्खे-

  • रक्तपित्त बीमारी में कच्चा आलू बहुत फायदा करता है।
  • कभी-कभी चोट लगने पर नील पड़ जाती है। नील पड़ी जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाएँ लाभ होगा।
  • शरीर पर कहीं जल गया हो, तेज धूप से त्वचा झुलस गई हो, त्वचा पर झुर्रियां हों या कोई त्वचा रोग हो तो कच्चे आलू का रस निकालकर लगाने से फायदा होता है।
  • भुना हुआ आलू पुरानी कब्ज और अंतड़ियों की सड़ांध दूर करता है। आलू में पोटेशियम साल्ट होता है जो अम्लपित्त को बनने से रोकता है।
  • चार आलू सेंक लें और फिर उनका छिलका उतार कर नमक, मिर्च डालकर नित्य खाएं। इससे गठिया ठीक हो जाता है।
  • गुर्दे की पथरी में केवल आलू खाते रहने पर बहुत लाभ होता है। पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार-बार अधिक पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरियाँ और रेत आसानी से निकल जाती हैं।
  • उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएँ तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है।
  • आलू को पीसकर त्वचा पर मलें। रंग गोरा हो जाएगा।
  • कच्चा आलू पत्थर पर घिसकर सुबह-शाम काजल की तरह लगाने से 5 से 6 वर्ष पुराना जाला और 4 वर्ष तक का फूला 3 मास में साफ हो जाता है।
  • आलू का रस दूध पीते बच्चों और बड़े बच्चों को पिलाने से वे मोटे-ताजे हो जाते हैं। आलू के रस में मधु मिलाकर भी पिला सकते हैं।
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आलुओं में मुर्गी के चूजों जितना प्रोटीन होता है, सूखे आलू में 8.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है।

आलू का प्रोटीन बूढ़ों के लिए बहुत ही शक्ति देने वाला और बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने वाला होता है।

(ये सभी घरेलू नुक्से अनुभव और आम तौर पर उपयोग के आधार पर दिए गए है इनकी कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।)

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