किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर कोर्ट का फैसला आ गया है। लेकिन इस फैसले से केंद्र सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है और चार सदस्यों की एक कमेटी का गठन कर दिया है। मुख्य न्यायधीश एसए बोबडे के नेतृत्व वाली बेंच ने यह फैसला लिया है आइये आपको बताते है उन चार सदस्यों के नाम जो कि इस कमेटी में शामिल हैं – जीतेंद्र सिंह मान, बीकेयू के अध्यक्ष बने , डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अंतरराष्ट्रीय नीति प्रमुखअशोक गुलाटी, कृषि अर्थशास्त्री अनिल धनवत, शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र इसके आलावा कोर्ट में वकीलों और मुख्या न्यायाधीश के बिच हुए वार्तालाप में कुछ ये बिन्दु मुख्य रहे

१-सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की उस आवेदन पर नोटिस जारी किया है, जिसमें गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली को रोकने की मांग की गई थी।
२-अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि कमेटी के गठन का सरकार स्वागत करती है। भारतीय किसान संघ ने भी कमेटी बनाने का समर्थन किया है।
३-सरकारी वकील केके वेणुगोपाल ने कहा कि प्रदर्शन में कुछ प्रतिबंधित संगठन भी शामिल हैं, कोर्ट ने कहा कि क्या अटॉर्नी जनरल इसकी पुष्टि करते हैं, कोर्ट ने कहा कि कल तक इस पर हलफनामा दायर करें। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हम इस हलफनामा दाखिल करेंगे।
४- कोर्ट ने कहा कि हम आदेश में कहेंगे कि रामलीला मैदान और अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान दिल्ली पुलिस आयुक्त की अनुमति के लिए आवेदन कर सकती है।
५-वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि दुष्यंत दवे, एचएस फुल्का, कोलिन गोंसाल्विस आज सुनवाई में मौजूद नहीं हैं।