‘गुपकर गैंग’ के चालों का समर्थन करते हैं Soniya और rahul, जम्मू कश्मीर में बन रहे गठबंधन पर Amit Shah का निशाना

जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा वापस दिलाने के लिए प्रदेश पार्टियों ने मिलकर एक गुपकर संगठन की घोषणा की थी. इस पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुपकर गैंग चाहती है कि विदेशी सेना आकर जम्मू कश्मीर में हस्तक्षेप करें. साथ ही गुपकर के लोग तिरंगे का अपमान करने हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि गुपकर गैंग ग्लोबल हो रहा है! वे चाहते हैं कि विदेशी सेना जम्मू और कश्मीर में हस्तक्षेप करे. गुपकर गैंग भारत के तिरंगे का भी अपमान करता है. क्या सोनिया जी और राहुल जी गुप्कर गैंग की ऐसी चालों का समर्थन करते हैं? उन्हें भारत के लोगों को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए.

इसके बाद अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस और गुपकर गैंग जम्मू-कश्मीर को आतंक और अशांति के युग में वापस ले जाना चाहते हैं. वे अनुच्छेद 370 को हटाकर दलितों, महिलाओं और आदिवासियों के अधिकारों को छीनना चाहते हैं. यही कारण है कि उन्हें हर जगह लोगों द्वारा अस्वीकार किया जा रहा है.

गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा. भारतीय लोग अब हमारे राष्ट्रीय हित के खिलाफ अपवित्र ग्लोबल गठबंधन ’को बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसलिए या तो गुपकर गैंग को राष्ट्रीय मूड के साथ चलना होगा या फिर लोग इसे डुबो देंगे.

इससे पहले नेशनल कॉंन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने आज कहा कि हम गैंग नहीं हैं बल्कि हम पार्टियों का गठबंधन कर रहे हैं. जो हमें गैंग कह रहे हैं दरअसल वे बड़े डकैत हैं, यही कारण है कि उन्हें हर कोई गैंग दिखता है. हम साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन हमारा चुनाव चिह्न एक नहीं हो सकता, इसलिए हम अपने-अपने चुनाव चिह्न के साथ संयुक्त उम्मीदवार उतारेंगे.

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फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि हम देश के दुश्मन नहीं हैं. हम भाजपा के दुश्मन हैं. वे हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई को एक दूसरे से अलग करना चाहते हैं. हमारा महात्मा गांधी में विश्वास है, उनके विचारों में विश्वास है. वे सभी को एकसमान मानते थे. फारुक अब्दुल्ला ने गुपकार घोषणा के तहत साथ आयी पार्टियों के गठबंधन को गैंग कहे जाने पर यह तीखी प्रतिक्रिया दी है.

गौरतलब है कि फारुक अब्दुल्ला के साथ जम्मू-कश्मीर की कई पार्टियों ने मिलकर आर्टिकल 370 की पुनर्बहाली के लिए एक मुहिम शुरु किया है. इन पार्टियों में पीडीपी भी शामिल है. पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद आर्टिकल 370 की पुनर्बहाली के प्रयास इन पार्टियों ने तेज कर दिये हैं.

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