श्रावण मास में शिव भक्तो के लिए 17 दिन बनेंगे बेहद खास, इसके अलावा शिव पूजा के लिए 8 दिन रहेंगे अति उत्तम-

सावन मास की शुरूआत श्रवण नक्षत्र में होगी साथ ही साथ इस मास 17 दिन शुभ योग कारक भी बन रहे हैं। इस प्रकार से पूरा मास शिव शंभो की आराधना और स्नान-दान के लिए बहुत खास रहेगा।

सावन मास की शुरुआत और अंत श्रवण नक्षत्र में होगी –
ज्योतिषाचार्य गिरीश चंद्र अंडोला के अनुसार, इस मास में शुक्लपक्ष की अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन रहेंगी। सावन महीने की शुरूआत श्रवण नक्षत्र में होगी और इस महीने के आखिरी दिन भी श्रवण नक्षत्र ही रहेगा। इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा होता है। इस तरह के संयोग से पूरा महीना शुभ रहेगा।

इस बार 6 शुभ योगों के 17 दिन
धर्म ग्रंथों के अनुसार, इन दिनों में की गई शिव पूजा का कई गुना पुण्य मिलता है। डॉ. मिश्र बताते हैं कि इस बार सावन महीने में 10 सर्वार्थसिद्धि, 1 अमृतसिद्धि, 1 द्विपुष्कर, 1 त्रिपुष्कर, 1 रविपुष्य और 11 रवियोग रहेंगे। इन शुभ योगों में की गई भगवान शिव की पूजा से विशेष फल मिलता है। पूजा-पाठ में का शिवजी का अभिषेक करने से आयु, धन और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

सावन मास के उत्सव
श्रावण मास में सोमवार को व्रत और भगवान शिव की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां खत्म हो जाती हैं और बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाता है। सावन सोमवार से ही 16 सोमवार व्रत की शुरुआत होती हैं। श्रावण में 28 जुलाई को मौना पंचमी, 4 अगस्त को एकादशी, 5 अगस्त को प्रदोष, 8 अगस्त को हरियाली अमावस्या, 11 अगस्त को हरियाली तीज, 13 अगस्त को नागपंचमी, 18 अगस्त को पुत्रदा एकादशी, 20 अगस्त को शुक्र प्रदोष और 22 अगस्त को रक्षाबंधन मनाया जाएगा।

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