असम ( Assam ) में आठ और रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims ) के असम में गिरफ्तार होने के साथ ही 22 म्यांमार की महिलाओं और बच्चों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है, शनिवार को अधिकारियों ने कहा असम पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश में अपने शिविरों से भागकर आने वाले शरणार्थी होने का संदेह रखने वाले आठ रोहिंग्याओं पर शुक्रवार को दक्षिणी असम के हैलाकांडी जिले के मजारपार गांव से कार्रवाई की गई.
हेलाकांडी जिले ( Helakandi District ) के पुलिस अधीक्षक, पबिंद्र कुमार नाथ ( Pabindra Kumar Nath ) ने कहा कि तीन बच्चों और एक महिला सहित आठ रोहिंग्याओं को यूसुफ अली मजूमदार के घर में शरण दी गई थी, जो पुलिस के गांव में पहुंचने पर अपने घर से भाग गए थे. मजूमदार के भाई इस्लामुद्दीन मजूमदार को पुलिस ने पकड़ लिया था.
बांग्लादेश ( Bangladesh ) में शरणार्थी शिविरों से रोहिंग्या अक्सर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में अवैध रूप से नौकरियों की तलाश में प्रवेश करते हैं या मानव तस्करी में फंस जाते हैं
. पश्चिमी म्यांमार ( Western myanmar ) के राखाइन से 738,000 से अधिक रोहिंग्या हिंसा और उत्पीड़न की लहर के बाद 25 अगस्त, 2017 को जातीय संकट की शुरुआत के बाद से कॉक्स बाजार में शिविरों में पहुंचे हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने जातीय सफाई का प्रयास बताया है.