Uttrakhand Political Crisis: तीरथ सिंह रावत ने अपने इस्तीफे में जनप्रतिनिधि कानून की धारा 191 ए का हवाला दिया है और कहा है कि वो अगले 6 महीने में चुनकर दोबारा नहीं आ सकते.
Uttrakhand Political Crisis: उत्तराखंड के सीएम तीरथ सिंह रावत ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को खत के ज़रिए अपना इस्तीफा भेज दिया है. उन्होंने इस्तीफे में जनप्रतिधि कानून की धारा 191 ए का हवाला दिया है और कहा है कि वो अगले 6 महीने में चुनकर दोबारा नहीं आ सकते.
जेपी नड्डा को भेजे अपने खत में तीरथ सिंह रावत ने कहा, “मैं 6 महीने के अंदर दोबारा नहीं चुना जा सकता.
ये एक संवैधानिक बाध्यता है. इसलिए अब पार्टी के सामने मैं अब कोई संकट नहीं पैदा करना चाहता और मैं अपने पद से इस्ताफा दे रहा हूं. आप मेरी जगह किसी नए नेता का चुनाव कर लें.”
मुख्यमंत्री रावत ने इस्तीफे की औपचारिकता पूरी करने के लिए उत्तराखंड के राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है. बताया जा रहा है कि वक्त मिलते ही तीरथ सिंह रावत गवर्नर हाउस पहुंचकर आधिकारिक तौर पर गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंप देंगे.
नरेंद्र सिंह तोमर पर्यवेक्षक नियुक्त
नए सीएम की तलाश के लिए बीजेपी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है. शनिवार सुबह 11 बजे तोमर देहरादून पहुंचेंगे. तोमर की मौजूदगी में ही बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी. केंद्र की ओर से जो नाम भेजा जाएगा, उसपर विधायकों की सहमति लेने की कोशिश की जाएगी. फिर नए सीएम का एलान कर दिया जाएगा.
रावत के हटाये जाने की क्या है वजह-
विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले उपचुनाव नहीं होंगे.
अगले साल जनवरी में होगा विधानसभा चुनाव का एलान.
तीरथ सिंह रावत अभी किसी सदन के सदस्य नहीं.
सीएम बने रहने के लिए 6 महीने के भीतर सदन का सदस्य बनना ज़रूरी.
तीरथ सिंह रावत 10 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री बनाए गए थे और वो 10 सितंबर तक ही सीएम बने रह सकते थे.
संवैधानिक परिस्थितियों के चलते उनका जाना तय था.
सीएम रहते हुए तीरथ सिंह ने दिए कई विवादित बयान.
अगला सीएम,कौन हो सकता है–
उत्तराखंड में बीजेपी आलाकमान किसको अगला सीएम बनाएगी, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन अभी चार नेताओं के नाम आगे चल रहे हैं. इनमें सतपाल महाराज, रेखा खंडूरी, पुष्कर सिंह धामी और धन सिंह रावत शामिल हैं. इस वक्त सियासी गलियारों में इन तमाम नेताओं के नाम की चर्चा है.