कांग्रेस, टीआरएस, द्रमुक, TMC, NCP और आप ने केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ किसान संघों द्वारा आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ के आह्वान के प्रति रविवार को अपना समर्थन जताया. इन कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले 11 दिन से जारी है. इन विपक्षी पार्टियों से पहले शनिवार को तृणमूल कांग्रेस, राजद और वामपंथी दलों ने भी बंद का समर्थन किया था. दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भी बंद का समर्थन किया है.
राकांपा (NCP) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने केंद्र से कहा कि वह किसानों के प्रदर्शन को गंभीरता से ले क्योंकि यदि गतिरोध जारी रहता है तो किसान आंदोलन केवल दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देशभर से लोग कृषकों के साथ खड़े हो जाएंगे. पवार ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि सरकार को समझ आएगी और वह मुद्दे के समाधान के लिए इसका संज्ञान लेगी. यदि यह गतिरोध जारी रहता है तो प्रदर्शन दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देशभर से लोग प्रदर्शनकारी किसानों के साथ खड़े हो जाएंगे.’’
जिला और राज्य मुख्यालयों पर होंगे प्रदर्शन–कांग्रेस ने कहा,
कांग्रेस ने’ भारत बन्द के प्रति पूरा समर्थन जताया और घोषणा की कि इस दिन वह किसानों की मांगों के समर्थन में सभी जिला एवं राज्य मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी. दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं यहां घोषणा करना चाहता हूं कि कांग्रेस आठ दिसंबर को होने वाले भारत बंद को पूरा समर्थन देती है.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ट्रैक्टर रैलियों, हस्ताक्षर अभियानों और किसान रैलियों के जरिए किसानों के पक्ष में पार्टी की आवाज बुलंद कर रहे हैं. खेड़ा ने कहा, ‘‘हमारे सभी जिला मुख्यालय एवं प्रदेश मुख्यालयों के कार्यकर्ता इस बंद में हिस्सा लेंगे. वे प्रदर्शन करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बंद सफल रहे.’’
किसानों की मांगें–टीआरएस ने जायज
तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इसमें सक्रियता से शामिल होकर बंद को सफल कराएंगे. एक आधिकारिक बयान के अनुसार राव ने समर्थन को सही ठहराया है और कहा है कि किसान वैध तरीके से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने यह भी दोहराया कि उनकी पार्टी ने संसद में इन कानून से जुड़े विधेयकों का विरोध किया था क्योंकि इससे किसानों के हितों को नुकसान पहुंचता है. तमिलनाडु में द्रमुक नीत विपक्षी खेमे ने आठ दिसंबर को किसानों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के प्रति समर्थन जताया और कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग ‘‘पूरी तरह से जायज’’ है.
एमके स्टालिन करेंगे भारत बंद का भरपूर समर्थन –
द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन ने राज्य के किसान संघों, व्यवसायी संगठनों, सरकारी कर्मचारियों के संगठनों, मजदूर संघों तथा अन्य से बंद को ‘‘भरपूर समर्थन’’ देने और मंगलवार के बंद को सफल बनाने की अपील की. स्टालिन, द्रमुक के सहयोगी दलों कांग्रेस के तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के.एस. अलागिरी, एमडीएमके के संस्थापक वाईको और वाम नेताओं ने बयान में कहा कि दिल्ली के बाहर किसानों का प्रदर्शन दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है और पूरी दुनिया की इस पर नजर है. इन दलों ने किसानों द्वारा की जा रही कानूनों को वापस लेने की मांग नहीं मानने पर केंद्र की निंदा की.
किसानों के भारत बंद को मिला आप का साथ
अभिनेता कमल हासन की मक्काल निधि मय्यम (एमएनएम) ने भी किसानों के प्रदर्शनों को समर्थन दिया है. आम आदमी पार्टी (आप) ने ‘भारत बंद’ के आह्वान का समर्थन किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को यह जानकारी दी. केजरीवाल ने कहा कि देशभर में आप कार्यकर्ता राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे. उन्होंने सभी नागरिकों से किसानों का समर्थन करने की अपील की.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आम आदमी पार्टी आठ दिसंबर को किसानों के ‘भारत बंद’ के आह्वान का पूरी तरह समर्थन करती है. देशभर में आप कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से इसका समर्थन करेंगे. सभी देशवासियों से अपील है कि सभी को किसानों का समर्थन करना चाहिए और इसमें भाग लेना चाहिए.’’
आप नेता और दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सभी कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में बंद में भाग लेंगे. राय ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘यह केवल किसानों की नहीं बल्कि सभी देशवासियों की लड़ाई है. भारत एक कृषि प्रधान देश है और यदि किसान अप्रसन्न हैं तो देश पर भी इसका असर पड़ता है. मैं सभी से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील करता हूं.’’ पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा बुलाये गये ‘भारत बंद’ को अपना ‘‘नैतिक समर्थन’’ देने का शनिवार को फैसला किया था.
पश्चिम बंगाल में टीएमसी कर रही किसानों का समर्थन
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा था कि बंगाल में अपने विरोध कार्यक्रमों के दौरान उनकी पार्टी कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग करेगी. पार्टी की मांग है कि सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद नए विधेयकों को संसद की स्थायी समिति या प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए. वामपंथी दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(माले), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने एक संयुक्त बयान में बंद को समर्थन की घोषणा की थी. पटना में राजद के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने शनिवार को इन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
ज्ञात हो कि सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी. इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा था कि सरकार कृषक नेताओं से उनकी प्रमुख चिंताओं पर ठोस सुझाव चाहती थी. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि उनके सहयोग से समाधान निकाला जाएगा. बैठक में कृषि मंत्री तोमर ने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को प्रदर्शन स्थलों से घर वापस भेजने की अपील की थी. सितंबर में लागू तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार करार दिया है. वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था को समाप्त कर देंगे.