हांगकांग ने कहा है कि ब्रिटेन में फैल रहे कोरोना वायरस के नए स्वरूप के मद्देनजर वहां से आने वाली सभी यात्री उड़ानों पर रोक लगाई जाएगी और यह रोक बृहस्पतिवार से शुरू होगी।
सोमवार को जारी बयान में कहा गया कि ब्रिटेन को, वहां महामारी के फिर से बढ़ रहे प्रकोप को देखते हुए और वहां कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के बड़े पैमाने पर फैलने के मद्देनजर ‘‘अत्यधिक उच्च जोखिम’’ की श्रेणी में रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में कोविड-19 के नए मामलों में से 95 प्रतिशत से अधिक मामले कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा स्वरूप अत्यधिक संक्रामक है।
हांगकांग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति ब्रिटेन में दो घंटे से अधिक समय रहा है उसे हांगकांग के विमानों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी।
इससे पहले, पिछले वर्ष दिसंबर में भी हांगकांग ने ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाई थी।
बयान में बताया गया कि ब्रिटेन से आनी वाली उड़ानों पर एक जुलाई से पाबंदी है लेकिन यात्री हांगकांग से लंदन जाने वाली कुछ एयरलाइन की उड़ानों में टिकट बुक कर सकेंगे।
लीसेस्टर विश्वविद्यालय में विषाणु विज्ञानी डॉ. जुलियन टैंग ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टि से प्रतिबंध लगाया जाना उचित है।
उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन पहले भी वायरस पर सफलतापूर्वक काबू नहीं पा सका और अब वायरस की इस हालिया लहर के पीछे संभवत: टीके को लेकर अति आत्मविश्वास है।’’ टैंग ने कहा कि देशों को कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के प्रकोप को थामने के लिए अपनी कम से कम 80 फीसदी आबादी को टीका लगाना होगा।
हांगकांग ने यह पाबंदी ऐसे समय में लगाई है जब उसे लेकर ब्रिटेन तथा चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है। अर्द्ध-स्वायत्त हांगकांग 1997 में चीन को सौंपे जाने से पहले तक ब्रिटेन का एक औपनिवेशिक क्षेत्र था। ब्रिटेन ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने पर चीन की आलोचना की है। हालांकि हांगकांग द्वारा उड़ान पर प्रतिबंध वहां फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की सरकार की नीति का हिस्सा है।