खस्ताहाल Pakistan CPEC के लिए China से लेगा 2.7 अरब डॉलर का कर्ज-

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Pakistan Will Take Loan China: पहले से ही चीन के कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान CPEC के निर्माण को लेकर कर्ज लेने वाला है।

पाकिस्तान CPEC की मेनलाइन -1 परियोजना के पैकेज- I के निर्माण के लिए चीन से 2.7 अरब अमरीकी डॉलर का कर्ज लेने का फैसला किया है।

भारत द्वारा CPEC परियोजना का कई मंचों से विरोध किया है।

इस्लामाबाद। आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान ( Pakistan Economic Crisis ) अब एक बार फिर से चीन के कर्ज के जाल में फंसने के तैयार है। पहले से ही चीन के कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान अब फिर से अरबों रुपये का ऋण लेने वाला है। पाकिस्तान यह कर्ज चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा ( CPEC ) के निर्माण को लेकर लेने वाला है।

सरकारी अधिकारियों के हवाले से पाकिस्तानी मीडिया द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान CPEC की मेनलाइन -1 परियोजना के पैकेज- I के निर्माण के लिए चीन से 2.7 बिलियन अमरीकी डॉलर (2.7 अरब अमरीकी डॉलर) का कर्ज लेने का फैसला किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, एमएल -1 परियोजना पर वित्तपोषण समिति की छठी बैठक में फैसला किया गया कि पाकिस्तान शुरू में चीन से 6.1 बिलियन अमरीकी डॉलर में से केवल 2.73 बिलियन अमरीकी डॉलर को मंजूरी देने का अनुरोध करेगा। CPECपरियोजना के मेनलाइन-1 के तहत पेशावर से कराची तक 1,872 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण और उन्नयन शामिल है।

1 प्रतिशत ब्याज दर की मांग

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस संबंध में अगले सप्ताह आर्थिक मामलों के मंत्रालय को औपचारिक रूप से चीन को पत्र भेजने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों के हवाले से अखबार ने लिखा है कि इस साल अप्रैल में पाकिस्तान ने चीन को इस ऋण के लिए एक टर्म शीट साझा किया था, जिसमें एक प्रतिशत ब्याज दर की मांग की गई थी।

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उसको लेकर अभी तक चीन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। इसी साल मई में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने द डिप्लोमैट के एक लेख में लिखते हुए कहा था कि पाकिस्तान चीन के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूती के साथ बनाए रखना चाहता है। इसके परिणामस्वरूप 62 अरब अमरीकी डालर के CPEC का निर्माण हो रहा है।

बता दें कि पाकिस्तान पहले ही चीन से भारी कर्ज ले चुका है और कर्ज न चुका पाने की स्थिति में चीन धीरे-धीरे पाकिस्तान को अपना औपनिवेशिक स्टेट बनाता जा रहा है।

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