ऐसा लगता है कि राममंदिर की नींव का काम शुरू होने में अभी और समय लगने की उम्मीद है। दो दिन से चल रही बैठक में राममंदिर के नींव के नक्शे पर मुहर नहीं लग सकी है। तय हुआ है कि राममंदिर की नींव का काम शुरू होने से पहले सुरक्षा की दृष्टि से रिटेनिंग वॉल व परकोटा का निर्माण कार्य कराया जाएगा। यह कार्य दिसंबर में ही शुरू कर दिया जाएगा।
आज मंगलवार को एक बार फिर राममंदिर निर्माण समिति की बैठक सर्किट हाउस में सुबह 11 बजे शुरू हुई। दूसरे दिन की बैठक दो सत्रों में हुई। पहले सत्र में सुबह 11 बजे से दो बजे तक तो दूसरे सत्र में तीन से पांच बजे तक तकनीकी विशेषज्ञों के साथ राममंदिर की नींव को लेकर मंथन हुआ।
जानकारी हो कि पहले दिन की बैठक में एलएंडटी व टाटा कसंल्टेंसी के इंजीनियरों ने नींव की जो ड्राइंग मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र व ट्रस्टियों के समक्ष रखी थी उसे अभी फाइनल नहीं किया जा सका है।
अब दोनों एजेंसियां 15 दिसंबर को अयोध्या में ही होने वाली निर्माण समिति की बैठक में फिर से नक्शा पेश करेंगी जिसके बाद राममंदिर के नींव का कार्य प्रारंभ करने की तिथि तय होगी। सरयू का किनारा होने के कारण नीचे बालू की मात्रा अधिक पाई जा रही है, इसीलिए बुनियाद स्ट्रक्चर किस तरह लंबे समय तक मजबूत रहे, इस पर रिसर्च चल रही है।
ज्ञात हो कि राम मंदिर का प्रथम तल लगभग दो वर्षों में तैयार होने की बात कही जा रही है। एक बार प्रथम तल तैयार हो जाएगा, उसके बाद राम मंदिर के दूसरे तल का निर्माण शुरू होगा। इसी दौरान राम जन्मभूमि मंदिर के चारों तरफ निर्माण होने वाली नक्षत्र वाटिका , राम के जीवन को प्रदर्शित करने वाली मूर्तियों की श्रृंखला, संत निवास, गुरुकुल, गोपुरम, समेत अन्य का निर्माण भी क्रमबद्ध तरीके से होगा।