फ्रांस के बाद भारत ने जर्मनी में भी जताई प्रतिबद्धता,आतंक के खिलाफ मिलकर लड़ने की जरूरत

फ्रांस के बाद भारत ने जर्मनी में भी जताई प्रतिबद्धता,आतंक के खिलाफ मिलकर लड़ने की जरूरत

फ्रांस के बाद जर्मनी पहुंचे विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने कट्टरपंथ और आतंकवाद की साझा लड़ाई में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया है। जर्मन वार्ताकारों से विदेश सचिव ने स्पष्ट कहा है कि रणनीतिक स्तर पर आतंकवाद और उग्रवाद से निपटने के लिए यूरोप और जर्मनी के साथ हमारे साझा हित हैं।  जलवायु के मुद्दे और साझा कार्रवाई सुनिश्चित करना और नियम-आधारित व्यवस्था के लिए बहुपक्षवाद का समर्थन जैसे मुद्दे पर भी विदेश सचिव की जर्मनी के समकक्ष वार्ताकारों से चर्चा हुई है। विदेश सचिव फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन की यात्रा पर हैं।

सूत्रों के मुताबिक विदेश सचिव ने जर्मन वार्ताकारों से कहा, महामारी के समय मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय में भी हुई है जब हम यूरोप में कट्टरपंथ और उग्रवाद की अभिव्यक्ति के गवाह हैं। उन्होंने कहा, ‘हम सभी फ्रांस में हाल ही में हुए दुखद आतंकी हमलों से स्तब्ध हैं और हमारे आम लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए ये हमले खतरा हैं।’

विदेश सचिव ने कहा, भारत ने आतंक के इन कृत्यों की कड़ी निंदा की है और राष्ट्रपति मैक्रोन और फ्रांस के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की है। फ्रांस में हुए आतंकी हमले हमारे दीर्घकालिक दावे को बल देते हैं कि आतंक कोई सीमा नहीं जानता। विदेश सचिव ने कहा कि दुर्भाग्य से आतंकवादियों को खास उद्देश्य और कार्रवाई में एकजुट किया जाता है जबकि हम पीड़ित देश एकजुट नही है। 

उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि कुछ देश जो आतंक के जनक हैं, वे अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति हासिल करने के लिए आतंक का शिकार होने का दावा कर रहे हैं। हमें इन चालों के बारे में पता होना चाहिए। वर्तमान में भूमिगत और इंटरनेट दोनों तरीको से आतंकवाद को बल मिलता है। इन नेटवर्क को बाधित करने के लिए एक साथ काम करने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आतंकी अपने मंसूबो में कामयाब न हो सकें।

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विदेश सचिव ने कहा, किसी भी परिस्थिति में आतंक का कोई औचित्य नहीं हो सकता। ए संतोष की बात है कि दुनिया तेजी से इसे महसूस कर रही है और इस पर काम कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, विदेश सचिव ने जर्मन वार्ताकारों से कहा कि हमें यह नोट करते हुए खुशी हो रही है कि जर्मनी के इंडो-पैसिफिक दिशा-निर्देश जर्मनी को अपनी आपूर्ति शृंखलाओं में विविधता लाने की आवश्यकता को महसूस कर रहे हैं।

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