मन्दिर पर गिरी बिजली, द्वारकाधीश ने मन्दिर समेत शहर वासियों को बड़े हादसे से बचाया-

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द्वारका : गुजरात के द्वारका में मंगलवार को प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर (जगत मन्दिर) के ध्वज दंड पर आकाशीय बिजली गिर गई।

आकाशीय बिजली गिरने से मंदिर की 52 गज ध्वजा को नुकसान पहुंचा। हालांकि, इस हादसे में द्वारकाधीश मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। और तो और द्वारका शहर में भी किसी बड़े अनहोनी नहीं होने पाई।

यह घटना मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे के लगभग हुई। झंडे पर बिजली गिरने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। मंदिर के आस-पास घनी बस्ती है। ऐसे में अगर रिहायशी इलाके में बिजली गिरती तो बड़ा नुकसान हो सकता था।

द्वारकाधीश मंदिर के ऊपर लगे झंडे का भी खास महत्व है। इसे 52 गज ध्वजा कहा जाता है। यह भारत देश का अकेला ऐसा मंदिर है, जहां दिन में 3 बार 52 गज की ध्वजा चढ़ाई जाती है।

कृष्ण भक्तों के बीच इस ध्वजा को लेकर इतनी श्रद्धा है कि ध्वजा चढ़ाने के लिए कई बार उन्हें दो साल तक का इंतजार करना पड़ता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब मंदिर के किसी हिस्से पर बिजली गिरी है। द्वारकाधीश ने शहर के लोगों को बड़े हादसे से बचा लिया।

द्वारका के एसडीएम निहार भेटारिया ने बताया कि मंगलवार दोपहर को बिजली गिरने की घटना के बाद प्रशासन ने मंदिर परिसर की जांच की है।

आकाशीय बिजली से मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। केवल झंडे को ही नुकसान हुआ है। जांच के बाद मंदिर की गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही हैं।

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द्वारकाधीश मंदिर गुजरात राज्य के द्वारका में गोमती नदी के तट पर स्थित है। इसे जगत मंदिर के नाम भी जाना जाता है।

भगवान कृष्ण को समर्पित द्वारकाधीश मंदिर भारत के सबसे प्रमुख और भव्य मंदिर में से एक है। इसे रामेश्वरम, बद्रीनाथ और पुरी के बाद हिंदुओं के चार पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है। हर साल लाखो की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक द्वारकाधीश मंदिर के दर्शन करने आते है।

द्वारकाधीश मंदिर लगभग 2200 साल पुराना है, जिसका निर्माण वज्रनाभ ने किया था। इसके परिसर में भगवान कृष्ण के साथ साथ सुभद्रा, बलराम, रेवती, वासुदेव, रुक्मिणी समेत कई देवी-देवताओं को समर्पित मंदिर भी हैं।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है और भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस उत्सव को देखने लाखों लोग पहुंचते हैं।

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