PANDAMIC (महामारी) की वजह से वित्तीय संकट का सामना कर रही तीन-चौथाई यानी करीब 75 प्रतिशत कंपनियां अपनी गैर-जरूरी संपत्तियों को बेचने पर विचार कर रही हैं। एक सलाहकार कंपनी के वार्षिक सर्वे में यह तथ्य उभरकर आया है।
ईवाई द्वारा 30 कंपनियों पर किए गए सर्वे के अनुसार यह विनिवेश कंपनियां अपने नकदी संकट के मुद्दे को हल करने और निवेश के लिए कर रही हैं। यहां उल्लेखनीय है कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई है।
महामारी की नई लहर का मतलब है कि चालू वित्त वर्ष में भी अर्थव्यवस्था निचले आधार प्रभाव पर दो अंकीय वृद्धि हासिल नहीं कर पाएगी।
SURVEY में कहा गया है कि 73 प्रतिशत कंपनियों की योजना अगले दो साल में अपनी संपत्तियों का विनिवेश करने की है। कोविड-19 महामारी की वजह से कारोबारी जरूरतों को पूरा करने के लिए कंपनियों को पूंजी की जरूरत है।
सर्वे में कहा गया है कि संपत्तियों के उचित समय पर विनिवेश से कंपनियों को जरूरी कोष उपलब्ध हो सकता है जिससे संकट के समय वे वृद्धि कर सकती हैं।
सलाहकार कंपनी के भागीदार नवीन तिवारी ने कहा कि विनिवेश से कंपनियां जुझारू क्षमता का निर्माण कर सकती हैं और इससे उन्हें अपने मुख्य कारोबार पर ध्यान देने में भी मदद मिलेगी।