यूपी चुनाव 2022 के मद्देनजर भाजपा गरीब श्रमिक और महिला विकास और कल्याण को लक्ष्य करेगी-

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जानकारों का कहना है कि बिहार के विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी दल जेडीयू-बीजेपी को हारी बाजी जिताने में गरीब कल्याण योजनाएं चमत्कारी साबित हुईं।

इसमें भारतीय जनता पार्टी को सर्वाधिक सफलता के पीछे लॉकडाउन में गरीबों-श्रमिकों की मदद के लिए घोषित योजनाओं और उनका जमीनी क्रियान्वयन उपयोगी रहा। खासकर प्रवासी श्रमिकों को राशन, जनधन खातों रुपये भेजने, और उज्ज्वला योजना में निशुल्क गैस सिलेंडर की आपूर्ति मददगार साबित हुई।गरीब-श्रमिक व महिला कल्याण योजना के लाभार्थियों को स्थायी रूप से अपने साथ जोड़कर भाजपा बिहार की तरह यूपी में भी अपनी चुनावी जमीन तैयार करेगी। इसको लेकर पार्टी आने वाले दिनों में सरकार के साथ समन्वय कर इसी रणनीति पर कार्य करेगी।

उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना हैं कि यूपी में राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं का बहुत बड़ा लाभार्थी वर्ग है। योगी सरकार में करीब 4 करोड़ लाभार्थी किसी न किसी योजना का प्रत्यक्ष लाभ पा चुके हैं। इनमें कई एक से अधिक योजनाओं में शामिल रहे हैं। इसमें जाति-धर्म का भेदभाव किए बिना शौचालय, आवास, आयुष्मान योजना समेत अन्य योजनाओं के लाभार्थी हैं। करीब चार लाख परिवारों में नए सदस्यों को सरकारी नौकरी मिली है। यह एक ऐसा नया वर्ग है जिसकी आने वाले समय में सबसे अहम भूमिका होगी।
इस वर्ग का प्रभाव परिवार व पास-पड़ोस, नाते-रिश्तेदार में होना लाजमी है। ऐसे में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार इन्हें स्थायी रूप से अपने साथ जोड़ सकती है।

Uttar Pradesh Bharatiya Janata Party former minister Vedram Bhati join BJP 1551883785

केन्द्र और प्रदेश की प्रमुख योजनाएं और उनके प्रत्यक्ष लाभार्थी

  • किसान सम्मान निधि: 2.34 करोड़, 2000-2000 रुपये त्रैमासिक भुगतान।
  • पीएम जनधन योजना: 3.23 करोड़ महिलाएं, 500-500 रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर, तीन महीने तक 1617-1617 करोड़ भुगतान।
  • उज्ज्वला योजना: 57.21 लाख से 81.04 लाख सिलेंडर तक प्रतिमाह निशुल्क वितरण।
  • 14.77 लाख परिवारों को राशन: अप्रैल से अक्तूबर तक 14.77 लाख लाभार्थियों को 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति के हिसाब से गेहूं -चावल व एक किलो चना दिया गया। नवंबर में चावल की जगह केवल गेंहू व चना दिया गया। प्रतिमाह करीब 7.7 लाख मीट्रिक टन अनाज दिया गया।
  • 6.5 लाख प्रवासी मजदूरों को मदद: प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम गेहूं-चावल व 1 किलो चना। 2.5 लाख राशन कार्ड से करीब 6.5 लाख मजदूरों को लाभ।
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इन मुख्य योजनाओं में इन्हें मिला लाभ

  • कर्मचारी जिनके पीएफ में सहयोग: 3.05 लाख व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के 8.17 लाख कर्मियों के पीएफ एकाउंट में 131.37 करोड़ रुपये ट्रांसफर।
  • कर्मचारी जिन्हें महामारी के आधार पर ईपीएफ से स्थायी अग्रिम स्वीकृत :  2,01, 316 दावे स्वीकृत कर 404.22 करोड़ रुपये हस्तांतरित।
  • 19 लाख श्रमिकों को नकद भुगतान : 10 लाख 48 हजार 166 प्रवासी श्रमिकों को पहले चरण और 9,08, 855 श्रमिकों के खाते में दूसरे चरण में डीबीटी के जरिए 1000-1000 रुपये दिए गए।
  • 8 लाख से अधिक पटरी व्यवसायियों को 1000 रुपये व राशन। 10-10 हजार रुपये कारोबार शुरू करने के लिए ऋण की मदद।
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