विश्व के लगभग 45 देशों में पहचाने गए 36 पेगासस ऑपरेटरों में से 33 से जुड़े संदिग्ध एनएसओ पेगासस संक्रमण मिले-
वॉशिंगटन : फोन हैक करने वाले इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस ने वैश्विक स्तर पर हंगामा मचाया हुआ है। कई देशों ने अब इस मामले में जांच की मांग की है। आरोप है कि इस सॉफ्टवेयर के जरिए पत्रकारों, व्यापारियों, राजनेताओं का फोन हैक किया गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि इस सॉफ्टवेयर के जरिए उनकी जासूसी की जा रही है।
फ्रांस सरकार ने तो कथित तौर पर मीडिया कर्मियों की जासूसी के मामले में जांच शुरू करने का फैसला भी किया है। फ्रांस के जांचकर्ता 10 विभिन्न आरोपों को लेकर इस जांच को आगे बढ़ाएंगे। इसमें यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या पेगासस से प्राइवेसी में सेंध लगाई गई।
आरोप है कि मोरक्को की खुफिया एजेंसी ने फ्रांसीसी पत्रकारों की इस सॉफ्टवेयर के जरिए जासूसी की थी।
वहीं पेगासस सॉफ्टवेयर का मामला आज कांग्रेस पार्टी द्वारा पुरे देश में उठाया जा रहा है जबकि ये मामला पुरे विश्व भर में पिछले कई सालो से चर्चा में फैला हुआ है।
इस पेगासस सॉफ्टवेयर मामले पर एक Detail Report (विस्तृत रिपोर्ट) इस website (वेबसाइट) https://tspace.library.utoronto.ca/bitstream/1807/95391/1/Report%23113–hide%20and%20seek.pdf ने हाईड एंड सीक नाम से 2016 में ही प्रकाशित की हुई थी और इस पेगासस सॉफ्टवेयर के बारे में काफी जानकारी साझा की हुई थी https://citizenlab.ca/2018/09/hide-and-seek-tracking-nso-groups-pegasus-spyware-to-operations-in-45-countries/
और तो और विश्व के लगभग 45 देशों में पहचाने गए 36 पेगासस ऑपरेटरों में से 33 से जुड़े संदिग्ध एनएसओ पेगासस संक्रमण मिले: अल्जीरिया, बहरीन, बांग्लादेश, ब्राजील, कनाडा, कोटे डी आइवर, मिस्र, फ्रांस, ग्रीस, भारत, इराक, इज़राइल, जॉर्डन, कजाकिस्तान , केन्या, कुवैत, किर्गिस्तान, लातविया, लेबनान, लीबिया, मैक्सिको, मोरक्को, नीदरलैंड, ओमान, पाकिस्तान, फिलिस्तीन, पोलैंड, कतर, रवांडा, सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, टोगो, ट्यूनीशिया, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा,यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, उज्बेकिस्तान, यमन और जाम्बिया। चूंकि हमारे निष्कर्ष डीएनएस सर्वरों के देश-स्तरीय भौगोलिक स्थान पर आधारित हैं, इसलिए वीपीएन और उपग्रह इंटरनेट टेलीपोर्ट स्थान जैसे कारक परेशानियों को मोबाइल में पैदा कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि पेगासस के जरिए भारत में पत्रकारों और अन्य लोगों के फोन हैक कर उनकी निगरानी की गई।
साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक आमतौर पर जिसका फोन हैक करना है, उसे करप्ट मैसेज या फाइल भेजकर डिवाइस हैक की जाती है।
द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार जिन लोगों को संभावित निगरानी के लिए चुना गया, उनमें 189 पत्रकार, 600 से अधिक नेता एवं सरकारी अधिकारी, कम से कम 65 व्यावसायिक अधिकारी, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता और कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं।
ये पत्रकार एसोसिएटेड प्रेस, रॉयटर, सीएनएन, द वॉल स्ट्रीट जर्नल और द फाइनेंशियल टाइम्स जैसे संगठनों के लिए काम करते हैं।
एनएसओ ग्रुप के स्पाइवेयर को मुख्य रूप से पश्चिम एशिया और मैक्सिको में लक्षित निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जाने के आरोप हैं।
सऊदी अरब को एनएसओ के ग्राहकों में से एक बताया जाता है। इसके अलावा सूची में फ्रांस, हंगरी, भारत, अजरबैजान, कजाकिस्तान और पाकिस्तान सहित कई देशों के फोन हैं। इस सूची में मैक्सिको के सर्वाधिक फोन नंबर हैं। इसमें मैक्सिको के 15,000 नंबर हैं।
द गार्डियन की ओर से जो रिपोर्ट दी गई है, उसमें बताया गया है कि 40 भारतीय पत्रकारों के भी फोन हैक किए गए हैं। इनमें द हिन्दुस्तान टाइम्स, मिंट, फाइनेंशियल टाइम्स, नेटवर्क18, इंडिया टुडे, द इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार हैं।
उल्लेखनीय है कि पेगासस ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसके जरिये आपका निजी डेटा हासिल किया जा सकता है। इसमें मेसेज, ईमेल, कैमरा, ऑडियो वीडियो के साथ सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम आदि शामिल हैं। मिस्ड कॉल के जरिए इसे इंस्टॉल किया जाता है।