1 मार्च 2021 से पूर्व की भांति खुलेगा उच्च न्यायालय इलाहाबाद-

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प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्रीमान गोविंद जी माथुर के आदेशों के तहत जारी एक अधिसूचना के अनुसार, मामलों की फिजिकल सुनवाई उक्त तारीख से नियमित रूप से होगी। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए सभी न्यायाधीश और उनके सहायक कर्मचारी पूरी जिम्मेदारी से हाईकोर्ट की कार्यवाही में भाग लेंगे।

गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट (प्रधान पीठ व लखनऊ बेंच) एक मार्च से पूरी तरह खुल जाएगा। लगभग सालभर बाद अधिवक्ता पूरी पारंपरिक ड्रेस यानी कोट-बैंड व गाउन में दिखेंगे तो यहां के दफ्तरों में लॉकडाउन से पहले की तरह जजेज के स्टाफ सहित विभिन्न अनुभागों के सभी कर्मचारी व अधिकारी ड्यूटी पर आने लगेंगे। डेली काजलिस्ट अगले आदेश तक प्रकाशित नहीं की जाएगी। लिस्ट वाले मुकदमे फिलहाल अतिरिक्त काजलिस्ट में नए मुकदमों के साथ छपते रहेंगे।
रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल के अनुसार पहली मार्च से हाईकोर्ट पूरी तरह खुल जाने पर वकील फिर पहले की तरह कोट-बैंड के साथ गाउन भी पहनकर आएंगे।

फिजिकल सुनवाई के लिए निम्नलिखित दिशानिर्देश जारी किए गए हैं-

  1. केवल उन अधिवक्ताओं को ई-पास के माध्यम से हाईकोर्ट में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी, जिनके मामले (ओं) को उस दिन न्यायालय द्वारा सुना जाएगा।
  2. मुख्य भवन के गेट नंबर 3, 3 ए और 5 का उपयोग कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और उनके लिपिकों के प्रवेश के लिए किया जाएगा। 3. मुख्य भवन के गेट नंबर 3 बी और 4 का उपयोग कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और उनके लिपिकों के बाहर निकलने के लिए किया जाएगा।
  3. मध्यस्थता केंद्र भवन के गेट नंबर 9 पर कर्मचारियों के प्रवेश/निकास के लिए मुकदमा दायर किया जाएगा।
  4. लिटिगेंट्स को हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  5. 6 (छह) से अधिक अधिवक्ताओं को किसी भी समय कोर्ट रूम में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  6. हालांकि हाईकोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के विकल्प को अभी के लिए खुला रखा है।
  7. यह कहा गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत की कार्यवाही में शामिल होने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को अपने मोबाइल नंबर के साथ-साथ केस विवरण (पक्ष, नाम, मामले की प्रकृति, केस नंबर, वर्ष आदि) और उसकी ईमेल आईडी के साथ हाईकोर्ट को एक ईमेल भेजना होगा। अदालत की कार्यवाही में शामिल होने के लिए उसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग लिंक भी भेजना होगा।
  8. यह ईमेल हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई की तारीख से एक दिन पहले 1:00 पी.एम. के बाद नहीं दर्ज किया जाएगा।
  9. अधिवक्ता ई-मोड में या फिजिकल रूप में स्टाम्प रिपोर्टिंग अनुभाग और अनुप्रयोग अनुभाग में लॉकडाउन से पहले की व्यवस्था के अनुसार हाईकोर्ट के परिसर में स्थित काउंटरों और आवेदन अनुभाग में अपने मामले दर्ज करेंगे।
  10. सूचीबद्ध मामलों की सूची के लिए आग्रह पत्रों की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
  11. ताजे मामलों में स्टांप रिपोर्टिंग अनुभागों द्वारा रिपोर्ट किए गए दोष उस व्यवस्था के अनुसार ठीक हो जाएंगे, जो 18.03.2020 से पहले यानी महामारी से पहले मौजूद थी। 4. सूचीबद्ध मामलों को अतिरिक्त कारण सूची में सूचीबद्ध किया जाना जारी रहेगा और दैनिक आदेश सूची अगले आदेश तक मुद्रित / प्रकाशित नहीं की जाएगी। 5. ई-मोड के माध्यम से कोर्ट शुल्क लेने के लिए काउंटर हाईकोर्ट परिसर के बाहर कार्य करेंगे।
  12. फोटो-शपथ पत्र केंद्र 1 मार्च 2021 से नियमित रूप से काम करना शुरू कर देगा।
  13. हाईकोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के कक्ष 1 मार्च 2021 से खोले जाएंगे।
  14. हाईकोर्ट परिसर में स्थित अधिवक्ताओं और कर्मचारियों की कैंटीन नियमित रूप से कार्य करेगी।
  15. न्यायाधीश और वकील नियमित रूप से निर्धारित अनुसार रॉब और कोट पहनेंगे।
  16. मौजूदा व्यवस्था के अनुसार वाहनों की पार्किंग बनायी जानी चाहिए, जो कि सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के तहत परिसर के बाहर होगें।
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राजेश कुमार, अधिवक्ता, वाराणसी।

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