उत्तर प्रदेश के 69 हज़ार शिक्षक भर्ती मामले में बुधवार का दिन बेहद अहम है. दरअसल बुधवार को सुप्रीम कोर्ट इसपर अपना फैसला सुनाएगा. इस मामले में कोर्ट ने 24 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अपने फैसले में कोर्ट इस बात को तय करेगा कि परीक्षा के बीच में क्या कट-ऑफ को बदलकर 60-65 फीसदी किया जा सकता है.
इससे पहले कोर्ट ने 9 जून को यूपी सरकार से कहा था कि वो सहायक टीचरों की भर्ती के दौरान 37339 पदों को फिलहाल न भरें. उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों की ओर से 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में 37339 पदों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से होल्ड करने का मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की थी. शिक्षा मित्रों का कहना है कि लिखित परीक्षा में टोटल 45357 शिक्षामित्रों ने फॉर्म डाला था, जिसमें से 8018 शिक्षा मित्र 60-65 फीसदी के साथ पास हुए. हालांकि इसका कोई डेटा नहीं है कि कितने शिक्षामित्र 40-45 फीसदी के कट-ऑफ पर पास हुए और इसीलिए 69000 पदों में से 37339 पद रिजर्व करके सहायक शिक्षक भर्ती की जाए या फिर पूरी भर्ती प्रक्रिया पर स्टे किया जाए.
शिक्षा मित्रों का कहना है कि असिस्टेंट टीचर की भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए कट-ऑफ 45 फीसदी और रिजर्व कैटगरी के लिए 40 फीसदी रखा गया था, लेकिन पेपर के बीच में उसे बढ़ा दिया गया और उसे 65-60 फीसदी कर दिया गया. उनका कहना था कि ये गैर कानूनी कदम है क्योंकि पेपर के बीच में कट-ऑफ नहीं बढ़ाया जा सकता है. शिक्षा मित्रों ने दलील दी कि बीएड स्टूडेंट इस असिस्टेंट टीचर की परीक्षा के लिए पात्रता नहीं रखते, क्योंकि उन्होंने ब्रिज कोर्स नहीं किया है. असिस्टेंट टीचरों के लिए ये जरूरी है कि आवेदक छह महीने का ब्रिज कोर्स करें.
सुनवाई के दौरान जस्टिस ललित ने पूछा कि क्या 40/45 कट-ऑफ को पार करने वाले सभी 40 हजार शिक्षा मित्र और बाकी बचे 29 हजार पदों पर दूसरे कैंडिडेट सलेक्ट होंगे. इस पर ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि योग्यता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. हमारे पास 50 हजार पद हैं और हर साल 10,000 लोग रिटायर हो रहे हैं. हम अलग से भर्ती में मौका देने को तैयार हैं, लेकिन योग्यता के साथ. ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि राज्य में 3 लाख 94,000 कुल अभ्यर्थियों की संख्या 40-45 फीसदी पर है जो कुल आंकड़ों का 96.2 फीसदी है. अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद कट-ऑफ बढ़ना स्वभाविक है.
जबकि योगी आदित्यनाथ ने 19 सितंबर को 31661 पदों को एक हफ्ते में भरने का निर्देश दिया था, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में बीटीसी छात्रों की तरफ से 27 सितंबर को एक याचिका दाखिल की है. याचिका में 31661 पदों की भर्ती के यूपी सरकार के नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की गई थी.