संविधान के 75 वर्ष एवं डॉ. अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता: शिक्षा से सामाजिक बदलाव

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संविधान के 75 वर्ष एवं डॉ. अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता: शिक्षा से सामाजिक बदलाव

समरसता दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में डॉ. अंबेडकर के विचारों की प्रासंगिकता पर हुआ मंथन

अधिवक्ता परिषद, अवध प्रांत की उच्च न्यायालय इकाई, लखनऊ द्वारा संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने एवं समरसता दिवस के अवसर पर 21 अप्रैल 2025 को एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी का आयोजन उच्च न्यायालय परिसर स्थित महामना सभागार में किया गया। संगोष्ठी का विषय था – “संविधान के 75 वर्ष एवं डॉ. अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता: शिक्षा से सामाजिक बदलाव”, जिसमें विधिक क्षेत्र से जुड़े अनेक अधिवक्ताओं, पदाधिकारियों और गणमान्य अतिथियों ने सहभागिता की।

मुख्य अतिथि का संबोधन-

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में माननीय श्री न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी (वरिष्ठ न्यायमूर्ति, लखनऊ उच्च न्यायालय) उपस्थित रहे। अपने संवेदनशील व विधिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण संबोधन में माननीय न्यायमूर्ति मसूदी ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीवन-संघर्ष और शिक्षा के प्रति उनके दृष्टिकोण को रेखांकित किया। उन्होंने अधिवक्ता समुदाय को निरंतर अध्ययनशील बने रहने तथा अपने विधिक मतों को दृढ़ता से अभिव्यक्त करने की प्रेरणा दी।

संगोष्ठी में अधिवक्ता परिषद अवध प्रांत की महामंत्री श्रीमती मीनाक्षी परिहार सिंह ने बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर के सामाजिक संघर्षों, शिक्षा के प्रति आग्रह और संविधान के निर्माण में उनकी ऐतिहासिक भूमिका को स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन आज भी अधिवक्ता समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि शिक्षा के माध्यम से ही सामाजिक परिवर्तन की आधारशिला रखी जा सकती है।

प्रांत उपाध्यक्ष श्री अनिल कुमार पाण्डेय ने डॉ. अम्बेडकर के जीवनवृत्त और उनके विचारों की समसामयिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहब ने भारतीय समाज की विषमताओं को चुनौती दी और शिक्षा को सामाजिक समता का प्रमुख साधन बताया।

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कार्यक्रम का संचालन उच्च न्यायालय इकाई के महामंत्री श्री अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी द्वारा विधिक सौम्यता के साथ किया गया, वहीं समापन वक्तव्य उच्च न्यायालय इकाई के अध्यक्ष श्री दिवाकर सिंह कौशिक द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने सभी आमंत्रित अतिथियों, वक्ताओं एवं अधिवक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे विमर्श केवल श्रद्धांजलि भर नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों की पुनर्पुष्टि हैं।

इस अवसर पर अवध प्रांत के कोषाध्यक्ष श्री प्रेम चंद्र राय, लखनऊ जनपद इकाई के महामंत्री श्री अवनीश राय, श्री अजय कुमार त्रिपाठी, श्री अमित राय, डॉ. पूजा सिंह सहित उच्च न्यायालय इकाई की संपूर्ण कार्यकारिणी और बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित रहे।


निष्कर्ष:
यह संगोष्ठी डॉ. अम्बेडकर की शिक्षाओं की पुनरावलोकन और संविधान की वर्तमान प्रासंगिकता को समझने का एक प्रभावी मंच सिद्ध हुई। अधिवक्ता परिषद द्वारा आयोजित यह विधिक विमर्श न्यायिक क्षेत्र के लिए न केवल एक स्मरणीय आयोजन रहा, बल्कि इसने संवैधानिक समरसता, समानता और शिक्षा के महत्व पर गंभीर विचार प्रस्तुत किया।


दिनांक – 21 अप्रैल 2025 | स्थल – महामना सभागार, उच्च न्यायालय, लखनऊ
आयोजक – अधिवक्ता परिषद, अवध प्रांत, उच्च न्यायालय इकाई, लखनऊ

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