18 आईआईटी, 26 एनआईटी और 190 इंजीनियरिंग कॉलेजों ने इस योजना को चुना
आईआईटी, एनआईटी और एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों सहित देश भर के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान बेहतरीन परिणाम की उम्मीद के साथ स्वैच्छिक आधार पर राष्ट्रीय राजमार्ग के अपने नजदीकी खंडों को अपनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ सहयोग करेंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग के अपनाए गए नजदीकी खंडों का उपयोग संकाय (फैकल्टी), शोधकर्ताओं के लिए अध्ययन के क्षेत्र के रूप में और उद्योग में नवीनतम रुझानों से संस्थान के छात्रों को परिचित करने के लिए किया जाएगा।
इन पहलों से उम्मीद है कि संस्थान और उद्योग के बीच एक तालमेल बनेगा, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कल्पना की गई है। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर सिविल/राजमार्ग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में संबंधित विशेषज्ञता के प्रसार के लिए संस्थानों और एनएचएआई के बीच आपसी सहयोग भी होगा।
इस पहल के तहत, साझेदार संस्थान राष्ट्रीय राजमार्ग के अपनाए गए खंडों की सुरक्षा, रख-रखाव, वाहनों की आसान आवाजाही की सुविधा, भीड़भाड़ की जगहों को कम करने और नई तकनीकों आदि के इस्तेमाल में सुधार की संभावनाओं का अध्ययन करेंगे और विचार के लिए एनएचएआई को उपयुक्त सुझाव भी देंगे। ये संस्थान नई परियोजनाओं की अवधारणा, डिजाइन और परियोजना की तैयारी के दौरान एनएचएआई के साथ संबद्ध होंगे और बेहतर सामाजिक-आर्थिक नतीजों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के अपनाए गए नजदीकी खंडों की जलवायु, स्थलाकृति और संसाधन क्षमता पर अपने विशिष्ट अनुभव के आधार पर प्रासंगिक मापदंडों और नवाचारों का सुझाव देंगे।
यह पहल छात्र बिरादरी में स्थानीय बुनियादी ढांचे के निर्माण में योगदान की भावना भी पैदा करेगी। एनएचएआई प्रति वर्ष इन संस्थानों के 20 यूजी और 20 पीजी छात्रों को इंटर्नशिप की सुविधा पेशकश करेगा। इंटर्नशिप की अवधि एक वर्ष में प्रति छात्र 2 महीने होगी। इंटर्नशिप के दौरान स्नातक छात्रों को 8000/- रुपये और स्नातकोत्तर छात्रों को 15000/- रुपये प्रति माह दी जाएगी। एनएचएआई इन शिक्षण संस्थानों में प्रयोगशाला के बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करेगा और प्रासंगिक अनुसंधान परियोजना को प्रायोजित कर सकता है जो वैकल्पिक संसाधन सामाग्री का उपयोग करने और सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगा।
एनएचएआई को बहुत कम समय में कई प्रतिष्ठित संस्थानों से इस पहल के लिए उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मिली है। अब तक 18 आईआईटी, 26 एनआईटी और 190 अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों ने इस योजना को चुना है। राष्ट्रीय राजमार्ग के अपनाए गए नजदीकी हिस्से के लिए तकनीकी संस्थानों और एनएचएआई के बीच उपयुक्त एमओयू पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं और अब तक लगभग 200 संस्थानों ने योजना के कार्यान्वयन के लिए पहले ही एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। उम्मीद है कि सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रम चलाने वाले 300 से अधिक तकनीकी संस्थान पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्ग के नजदीकी खंडों को अपनाने की इस योजना में शामिल होंगे।