ND : भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के बीच भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (इंडो-थाई कॉर्पेट) का 31वां संस्करण बुधवार से शुरू हुआ जो 11 जून तक चलेगा। दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करने और हिन्द महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से यह अभ्यास किया जा रहा है।
इस नौसैन्य अभ्यास में भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस सरयू, स्वदेश निर्मित एक अपतटीय गश्ती पोत और थाईलैंड का एचटीएमएस जहाज क्राबी, एक अपतटीय गश्ती पोत भाग ले रहे हैं। इसके अलावा दोनों नौसेनाएं डोर्नियर समुद्री गश्ती विमान के साथ इस इंडो-थाई कॉर्पेट में भाग ले रही हैं। दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करने और हिन्द महासागर के इस महत्वपूर्ण हिस्से को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से यह अभ्यास किया जा रहा है। दोनों नौसेनाएं 2005 से अपनी अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के साथ सालाना इंडो-थाई कॉर्पेट आयोजित कर रही हैं।
भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती अभ्यास में दोनों नौसेनाएं आपसी समझ और परिचालन क्षमता बढ़ाने का प्रयास करेंगी। इसके अलावा अवैध तरीके से मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती और समुद्री डकैती जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने का भी अभ्यास करेंगी। यह अभ्यास तस्करी की रोकथाम, अवैध आप्रवासन और समुद्र में एसएआर संचालन के संचालन के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान से परिचालन तालमेल को बढ़ाने में भी मदद करेगा। प्रधानमंत्री के विजन सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के रूप में भारतीय नौसेना क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में हिन्द महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है।
नौसेना प्रवक्ता के अनुसार यह द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों, समन्वित गश्ती, संयुक्त ईईजेड निगरानी और मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन के माध्यम से किया गया है। भारतीय नौसेना और रॉयल थाई नौसेना के करीबी और मैत्रीपूर्ण संबंध मजबूत हुए हैं। 31वां इंडो-थाई कॉर्पेट अंतर-संचालन को मजबूत करने और रॉयल थाई नौसेना के साथ दोस्ती के मजबूत बंधन बनाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों में योगदान देगा।