राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण नीति लाएगा भारत

Estimated read time 1 min read

बेंगलुरु : भारत एक मजबूत राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण (ट्रांसपोर्टेशन) नीति लाने की योजना बना रहा है जो एक तकनीकी और नियामक मार्ग बनाएगी ताकि क्षेत्र में निजी तंत्र उन्नति कर सके।

अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर प्रक्षेपण सेवाएं प्रदान करने में निजी एजेंसियों की भागीदारी बढ़ी है और उनमें से कुछ प्रक्षेपण सेवाओं के लिए वाणिज्यिक बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदार बन गए हैं।

इसमें कहा गया है कि भारत एक ऐसी स्थिति का उद्भव भी देख रहा है, जिसमें अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी हिस्सेदारों का लक्ष्य वैश्विक बाजार के लिए छोटे उपग्रह लांचर विकसित करके छोटे उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं की व्यावसायिक क्षमता का दोहन करना है।

डीओएस ने कहा कि प्रक्षेपण यान में लगे भारतीय हिस्सेदार भी सरकार द्वारा पहले से स्थापित राष्ट्रीय सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए उत्सुक हैं।

इसमें कहा गया है कि देश में अंतरिक्ष क्षेत्र की क्षमताओं को खोलने की दिशा में सरकार द्वारा हाल ही में घोषित सुधारों से उम्मीद है कि उद्यमी महत्वपूर्ण वैश्विक वाणिज्यिक प्रक्षेपण सेवा बाजार के अनुरूप किफायती अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणालियों में निवेश करने के लिए आकर्षित होंगे।

डीओएस ने क्रियान्यन के लिए 21 जुलाई तक टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित करते हुए शुक्रवार को ‘‘मसौदा राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण नीति-2020 – मानदंड, दिशानिर्देश और प्रक्रियाएं (एनजीपी) को सार्वजिक तौर पर सामने रखा।

ALSO READ -  The Civil Court lacks jurisdiction to entertain a suit structured on the provisions of the Industrial Disputes Act - Supreme Court

You May Also Like