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फर्जी अधिवक्ता कोर्ट में उपस्थित हो कर रहा था बहस, पुलिस ने किया गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा जेल-

मोटर दुर्धटना दावा अधिकरण न्यायाधीश की कोर्ट में वकील के रूप में काम कर रहे फर्जी वकील के विरुद्ध सेंट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री ने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराई है।

न्यायालय द्वारा पूछतांछ में उक्त व्यक्ति ने अपने को एलएलबी का छात्र बताया था। इस पर न्यायाधीश ने फर्जी अधिवक्ता बने अभय कुमार गुप्ता के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए उसके शैच्छिक संस्थान तक्षशिला को भी पत्र लिखा है। साथ ही सेंट्रल बार एसोसिएशन को भी पत्र भेजा था। जिसके बाद बार महामंत्री ने उक्त व्यक्ति के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई है।

कब और कैसे पता लगा फर्जी वकील के बारे में-

बीत वर्ष आरोपी एलएलबी के छात्र अभय गुप्ता ने मोटर दुर्धटना दावा अधिकरण रायबरेली न्यायालय में उपस्थित होकर किसी मुकदमे में अपना पक्ष रखा था। बातचीत के दौरान शंका होने पर मोटर दुर्धटना दावा अधिकरण के जिला जज ने उनसे रजिस्ट्रेशन नंबर व प्रैक्टिस सर्टिफिकेट के सम्बंध में जानकारी की तो आरोपी ने बताया कि वह एलएलबी का छात्र है। जिस पर एमएसीटी के जिला जज ने इसे धोखाधड़ी मानते हुए प्रकरण को सेंट्रल बार को संदर्भित करते हुए कार्रवाई करने की बात कही थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए निवर्तमान अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह भदौरिया व महामंत्री शशिकांत शुक्ला ने सदर कोतवाली में आरोपी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय भेजा गया है।

सोमवार को आरोपी ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर जमानत पर रिहा किए जाने की याचना की थी। बचाव व अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तर्क रखे। तर्क सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी की जामनत याचिका खारिज कर जेल भेज दिया।

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न्यायाधीश की ओर से पत्र लिखे जाने पर सेन्ट्रल बार रायबरेली के अध्यक्ष सुरेन्द्र बहादुर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय हुआ। जिसके बाद महामंत्री की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने उक्त फर्जी अधिवक्ता के विरुद्ध अपराध संख्या-614/21 धारा-419, 420, 471 के तहत मामला दर्ज किया हैै।

बार पदाधिकारियों ने चेताया कि एल़एल़बी़ के छात्र अपने विद्यालयों में पढ़ाई करे तथा न्यायालय परिसर में अधिवक्ता की भेषभूषा में न आये। बैठक में बृजेन्द्र प्रताप सिंह, धर्मेन्द्र कुमार अवस्थी, विकास सिंह, प्रमोद कुमार चौधरी, अनिल कुमार प्रजापति, कैलाश बक्श सिंह, सुनील कुमार सिंह (मेजर) समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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