जनकपुरी सिख नरसंहार केस 1984: कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ 39 वर्षो बाद आरोप तय, कोर्ट ने हत्या की धारा हटाई

जनकपुरी सिख नरसंहार केस 1984: कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ 39 वर्षो बाद आरोप तय, कोर्ट ने हत्या की धारा हटाई

जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या 1 नवंबर, 1984 को कर दी गई थी. विकासपुरी पुलिस स्टेशन एरिया में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया था. झुलसने के 30 साल बाद उनकी मौत हुई थी. इस मामले में SIT ने सज्जन कुमार का मई 2018 में पॉलीग्राफी टेस्ट Polygraph Test भी किया था.

वर्ष 1984 सिख दंगों Sikh Riots से जुड़े जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या के मामले में राउज ऐवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. राउज एवेन्यू कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ IPC की धारा 147, 148, 153A, 295R/W149, 307,308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय किए हैं. हालांकि कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या की धारा 302 हटा दी है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी.

सुनवाई के दौरान कोर्ट Court को बताया गया कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं है. सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर है. लेकिन अन्य मामलों में वो जेल में है. SIT ने इस मामले में IPC की धारा 147, 148, 149, 153A, 295, 436, 395, 307, 302, 102B के तहत चार्जशीट दाखिल की थी. सन 2015 में SIT ने सिख दंगा मामले में जनकपुरी और विकासपुरी में FIR दर्ज कर जांच शुरू की थी.

जानकारी हो कि जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या 1 नवंबर, 1984 को कर दी गई थी. विकासपुरी पुलिस स्टेशन एरिया में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया था. झुलसने के 30 साल बाद उनकी मौत हुई थी. इस मामले में SIT ने सज्जन कुमार का मई 2018 में पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया था.

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जाने क्या है सिख दंगा?

सिख दंगा 1984 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़का था. तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने पंजाब में सिख आतंकवाद को दबाने के लिए सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल स्वर्णमंदिर परिसर में ऑपरेशन ब्लूस्टार चलवाया था. इस ऑपरेशन में आतंकी भिंडरावाला सहित कई लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद सिख इस घटना से नाराज हो गए थे. इस ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही इंदिरा गांधी की उनके ही सिख बॉडीगार्ड्स ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. इसके बाद से ही देशभर में सिख विरोधी दंगे शुरू हुए हो गए. इस दंगे का सबसे ज्यादा असर दिल्ली और पंजाब में हुआ.

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