महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और उनके भाई को जालसाजी मामले में दो साल की सजा

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और उनके भाई को जालसाजी मामले में दो साल की सजा

नासिक जिला न्यायालय ने गुरुवार को महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे को जालसाजी के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई और प्रत्येक पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया

1995 के सरकारी आवास घोटाले से जुड़ा मामला

यह मामला 1995 का है, जिसमें कोकाटे बंधुओं पर सरकारी आवास योजना से संबंधित दस्तावेजों की जालसाजी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था

पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने कोकाटे बंधुओं के खिलाफ एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उन्होंने 1995 में सरकारी कोटे के तहत आवास खरीदने के लिए अपनी आय के बारे में गलत जानकारी दी थी

1997 से अदालत में लंबित था मामला

शिकायत नासिक के गवर्नमेंट वाडा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी। यह मामला 1997 से अदालत में लंबित था, और अब न्यायालय ने इस पर अंतिम फैसला सुनाया है।

झूठी जानकारी देकर लिया था सरकारी आवास

मामले के विवरण के अनुसार, 1995 से 1997 के बीच माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे ने सरकारी आवास योजना के तहत यह दावा करते हुए फ्लैट हासिल किए कि उनकी आय कम है और उनके पास कोई संपत्ति नहीं है। हालांकि, बाद की जांच में इन दावों में अनियमितताएं पाई गईं

भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज

इन आरोपों के आधार पर आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग), और 467 के तहत मामला दर्ज किया गया था

चार आरोपी, लेकिन केवल दो को सजा

इस मामले में कुल चार आरोपी थे, जिनमें कोकाटे बंधु और दो अन्य शामिल थे। हालांकि, अदालत ने अन्य दो आरोपियों को सजा नहीं सुनाई

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