फर्जी LLB डिग्री पर 16 वर्षों से वकालत कर रहे वकील का जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने लाइसेंस रद्द किया

फर्जी LLB डिग्री पर 16 वर्षों से वकालत कर रहे वकील का जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने लाइसेंस रद्द किया

फर्जी LLB डिग्री पर 16 वर्षों से वकालत कर रहे वकील का जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने लाइसेंस रद्द किया

हाईकोर्ट की प्रवेश और नामांकन समिति की सिफारिश पर रजिस्ट्रार जनरल ने जारी की अधिसूचना

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने एडवोकेट सज्जाद अहमद शाह का नामांकन रद्द कर दिया है। लगभग 16 वर्षों से वकालत कर रहे श्रीनगर निवासी शाह पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी एलएलबी डिग्री  Fake LLB Degree के आधार पर एडवोकेट का लाइसेंस प्राप्त किया था।

शाह का नाम वर्ष 2010 में जम्मू-कश्मीर बार काउंसिल की अधिवक्ताओं की सूची में दर्ज किया गया था। लेकिन जब उनके शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच की गई, तो यह तथ्य सामने आया कि उनके द्वारा प्रस्तुत की गई कानून की डिग्री प्रमाणिक नहीं थी और नकली दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने नामांकन प्राप्त किया था।

इस गंभीर अनियमितता को संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट की प्रवेश और नामांकन समिति ने दिनांक 29 अप्रैल 2025 को एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें शाह का नामांकन निरस्त करने की सिफारिश की गई। इसके अनुपालन में 13 मई 2025 को कार्यवाहक रजिस्ट्रार जनरल एम.के. शर्मा द्वारा औपचारिक अधिसूचना जारी की गई।

अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि फर्जी एलएलबी डिग्री के आधार पर प्राप्त किया गया नामांकन प्रमाणपत्र अवैध है और तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है। इसके साथ ही, उनका नाम जम्मू-कश्मीर बार काउंसिल की अधिवक्ताओं की प्रवर्तित सूची से हटा दिया गया है।

हाईकोर्ट ने यह आदेश बार काउंसिल ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री, और जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेशों के सभी न्यायिक अधिकारियों सहित सभी संबंधित प्रशासनिक और न्यायिक निकायों को प्रसारित करने के निर्देश भी दिए हैं।

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यह मामला कानूनी पेशे में प्रमाणिकता और नैतिकता के मानकों की रक्षा के संदर्भ में उदाहरणस्वरूप हस्तक्षेप के रूप में देखा जा रहा है।

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