बलुआ पत्थर का राजा कहे जाने वाला पिंक स्टोन भरतपुर स्थित बंध बरेठा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के हिस्से बंसी पहाड़पुर ब्लॉक पर मिलता है. राजस्थान सरकार यहां खनन पर लगी रोक को हटवाने के लिए बात कर रही है. सरकार चाहती है कि उन्हें केंद्र सरकार से वन और वन्यजीव अधिनियम के तहत छूट मिल जाए.
जानकारी हो कि वैसे तो यहां खनन 2016 से रोक है. लेकिन गैरकानूनी तरीके से काम जारी था. लेकिन 7 सितंबर को भरतपुर प्रशासन ने पिंक स्टोन से लदे 25 ट्रकों को जब्त कर लिया था. इसके बाद से इसकी सप्लाई लगभग खत्म हो गई. इस रेड के बाद विश्व हिंदु परिषद ने राजस्थान सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने मांग उठाई थी कि कांग्रेस सरकार राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir) में रुकावट पैदा ना करे.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अब 23 अक्टूबर को राजस्थान के जॉइन्ट सेक्रेटरी (माइंस) ओपी कसेरा ने डायरेक्ट, माइंस से बात करके पर्यावरण मंत्रालय के पोर्टल परिवेश पर बंसी पहाड़पुर ब्लॉक पर खनन रोक को हटाने की मांग उठाने को कहा है. इसे ‘सबसे जरूरी’ मामला बताया गया है. यह भी कहा गया है कि मंदिर निर्माण के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में भी इस पत्थर की काफी डिमांड है. इसे देखते हुए ही रोक को हटवाने का फैसला लिया गया है.
हालांकि, राज्य का जंगल विभाग फिलहाल इसपर कुछ नहीं कह रहा. कहा गया है कि खनन विभाग अभी यह बताएगा कि इस वजह से डिनोटिफाई करने की एपलिक्शन लगाई गई है. उसके बाद हम वन और वन्यजीव क्लियरेंस के बारे में सोचेंगे.
वर्तमान समय में राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Construction) के लिए और पिंक स्टोन की जरूरत है. अयोध्या में पिंक स्टोन 1990 से पहले भी पहुंच चुका है, जिसपर कारीगरों ने काम किया है. जानकारी के मुताबिक, पहले फ्लोर के लिए 40 से 45 फीसदी नक्काशी का काम हो चुका है. आगे 4 लाख क्यूबिक फीट पिंक सेंडस्टोन की जरूरत हो सकती है.