अंकिता भंडारी हत्याकांड: कोटद्वार की एडीजे कोर्ट ने पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ADJ) कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों — पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता — को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
दोष सिद्ध धाराएँ:
तीनों दोषियों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया:
- धारा 302 – हत्या
- धारा 201 – साक्ष्य मिटाना
- धारा 120B – आपराधिक साजिश
- धारा 354A – यौन उत्पीड़न
साथ ही, उन्हें अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम (Immoral Traffic Prevention Act) के अंतर्गत भी दोषी पाया गया।
क्या है मामला:
19 वर्षीय अंकिता भंडारी ऋषिकेश के वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं। सितंबर 2022 में कथित रूप से रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसके दो कर्मचारियों द्वारा उन्हें चिल्ला नहर में धक्का देकर मार दिया गया। मामला सामने आने के बाद पूरे उत्तराखंड में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी।
अंकिता की गुमशुदगी के छह दिन बाद, 24 सितंबर 2022 को उनका शव चिल्ला बैराज से बरामद हुआ। मामले की जांच शुरू में डीआईजी पी. रेनुका देवी की अगुवाई वाली SIT ने की थी, जिसने लगभग 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।
सुनवाई का सिलसिला:
- मुकदमे की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को एडीजे कोर्ट, कोटद्वार में शुरू हुई।
- अभियोजन पक्ष ने 97 गवाहों की सूची कोर्ट को सौंपी थी, जिनमें से 47 महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही कोर्ट में कराई गई।
- 2 साल 8 महीने तक चली इस सुनवाई के बाद तीनों आरोपियों को दोषी ठहराया गया।
पीड़िता की माँ की अपील:
फैसले के बाद पीड़िता की माँ सोनी देवी, ANI से बात करते हुए भावुक हो गईं और कहा,
“…इन दरिंदों को फांसी होनी चाहिए…मैं उत्तराखंड की जनता से अपील करती हूं कि हमारे साथ खड़े रहें और कोटद्वार कोर्ट में आकर हमारा मनोबल बढ़ाएं।”
यह मामला केवल एक जघन्य हत्या नहीं, बल्कि उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली की पारदर्शिता से जुड़ा एक नजीर बन चुका है। कोर्ट के इस निर्णय को समाज में न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
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