कोर्ट परिसर में ट्रांसफार्मर फटने से हुई अधिवक्ता की मौत, बिजली विभाग ने दवाब के चलते मृतक की पत्नी को दिया 4 लाख का मुआवजा

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पटना सिविल कोर्ट में हुए हादसे में वकील की मौत को लेकर अब कई सवाल उठने लगे हैं। अधिवक्ताओं ने हादसे के जिम्मेदार को सजा देने की मांग की है। जिला अधिवक्ता संघ के संयुक्त सचिव शैलेंद्र कुमार ने कहा कि हमारे साथी की दर्दनाक मौत ने सभी अधिवक्ताओं को झकझोर कर दिया है। उनकी आत्मा की शांति के लिए गुरुवार को कोर्ट परिसर में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी।

जानकारी हो की पटना सिविल कोर्ट परिसर में ट्रांसफार्मर की मीट्रिंग यूनिट फटने से अधिवक्ता देवेंद्र प्रताप की मृत्यु और छह लोगों के जख्मी होने पर दूसरे अधिवक्ता व्यवस्था को कोसते रहे। अधिवक्ताओं ने कहा कि यहां अभ्यास करने वाले वकीलों के बैठने की पर्याप्त व्यवस्था किए बगैर भवन ध्वस्त कर दिए गए। इस कारण अधिवक्ताओं को न्यायालय परिसर में सड़क और कारिडोर में कुर्सी-टेबल लगा कर बैठना पड़ रहा है।

यदि भवनों में उनके बैठने की व्यवस्था होती तो साथी की जान नहीं जाती। गंभीर रूप से घायल होने वालों में अधिवक्ता हरिनारायण गुप्ता व प्रकाश कुमार, मुंशी जितेंद्र कुमार और मुवक्किल मनीष कुमार शामिल हैं। वहीं, दो अन्य मामूली रूप से जख्मी अधिवक्ताओं को प्राथमिकी उपचार के बाद घर भेज दिया गया। हादसे में अधिवक्ताओं की कुर्सियों और टेबल के साथ मुवक्किलों व अदालत के महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जल कर राख हो गए।

जिला अधिवक्ता संघ के संयुक्त सचिव शैलेंद्र कुमार ने बताया कि अधिवक्ता देवेंद्र प्रताप की दर्दनाक मौत ने सभी अधिवक्ताओं को झकझोर कर दिया है। उनकी आत्मा की शांति के लिए गुरुवार को कोर्ट परिसर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। दिवंगत अधिवक्ता परिवार के इकलौते कमाऊ सदस्य थे। उनके परिवार में पत्नी, बेटा और बेटी हैं। संघ का प्रयास है कि उनके आश्रितों को उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले।

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घटनाओ की जिम्मेदारी तय हो और कार्रवाई की जाये-

अधिवक्ता दिनकर दुबे ने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों का नाम सामने आना चाहिए। जिम्मेदारी तय कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए, ताकि दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो। वहीं, अधिवक्ता अंशुमान कुमार ने कहा कि जब हम जिला बार एसोसिएशन से निबंधित हैं तो हमारी सुरक्षा समेत सभी जरूरी चीजों के लिए वहां के पदाधिकारी जवाबदेह होते हैं।

हमारे बैठने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। विद्युत विभाग की लापरवाही भी सामने आई है। अग्निकांड में उनका दोपहिया वाहन भी आग की चपेट में आ जाता, मगर पुलिसकर्मियों ने उसे बचा लिया। इधर, टाउन डीएसपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिकी के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है। सुसंगत धाराओं पर प्राथमिकी कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

वीडियो बनाने के अलावा कुछ नहीं कर सका-

एक दुकान के कर्मी शंभू ने बताया कि धमाका होते ही दुकानें बंद होने लगीं। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि जो लोग उससे घिरे थे, उन्हें बचाने के प्रयास में दूसरे झुलस जाते। ऐसे में लोग दूर से ही वीडियो बना रहे थे। शंभू कहता है कि वीडियो बनाने के अलावा हम कुछ और नहीं कर सकते थे। वीडियो बनाने का उद्देश्य यह था कि बाद में मामले को दूसरा शक्ल न दिया जा सके।

बड़ी बात है कि कोर्ट हाजत से अदालत के लिए जा रहे कैदी भी भगदड़ में जाने बचाने के लिए जहां-तहां दौड़ लगाने लगे। इस दौरान एक कैदी ने भागने का भी प्रयास किया था। सुरक्षाकर्मियों ने उसे 50 मीटर के अंदर ही दबोच लिया। उसके विरुद्ध पीरबहोर थाने में प्राथमिकी करने की प्रक्रिया चल रही है।

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मृतक अधिवक्ता की पत्नी को मिला चार लाख का चेक-

डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि सूचना मिलते ही सदर एसडीओ, अपर जिला दंडाधिकारी व सीओ को घटनास्थल पर भेजा गया। बाद में उन्होंने स्वयं घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने आपदा प्रबंधन के अपर जिला दंडाधिकारी को संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावित व्यक्तियों को निर्धारित प्रावधानों के अनुसार सभी सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इस आलोक में मृतक की पत्नी को चार लाख रुपये की सहायता का चेक बांकीपुर अंचल के बिजली कार्यपालक अभियंता ने तत्काल उपलब्ध कराया है।

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