इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने 11 जुलाई यानी सोमवार को हाईकोर्ट के एक न्यायमूर्ति महोदय के व्यवहार से क्षुब्ध होकर उनके कोर्ट रूम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से यह निर्णय शुक्रवार को लाइब्रेरी हॉल में हुई आपातकालीन आमसभा में लिया है। यही नहीं बार एसोसिएशन ने जज द्वारा कोर्ट में वकीलों के साथ किए जा रहे व्यवहार की मुख्य न्यायमूर्ति से शिकायत भी की है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा. महासचिव सत्यधीर सिंह जादौन और वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को दिए गए लिखित प्रार्थना पत्र में कहा है कि एक न्यायमूर्ति महोदय के खिलाफ लगातार अधिवक्ताओं की शिकायत बार एसोसिएशन को मिल रही है।
न्यायालय में न्यायमूर्ति के बर्ताव के संबंध में कई बार हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा मुख्य न्यायाधीश को मौखिक रूप से बताया जा चुका है। लेकिन न्यायमूर्ति के व्यवहार में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नही हो रहा है।
अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा का आरोप है कि अधिवक्ताओं के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करना, बिना सुनवाई के ही मुकदमे को खारिज करना न्यायमूर्ति के लिए रोज की बात हो गई है। लगातार शिकायत के बाद भी न्यायमूर्ति के व्यवहार एवं कार्यशैली में किसी प्रकार का परिवर्तन न दिखने पर बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति की शिकायत मुख्य न्यायाधीश से की है।
वरिष्ठ अधिवक्ता राधाकांत ओझा कहना है कि न्यायमूर्ति की हठधर्मिता से आहत होकर कार्यकारिणी ने सोमवार 11 जुलाई को उनके न्याय कक्ष का बहिष्कार किए जाने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष त्रिपाठी ने दी है।