नागोर्नो-काराबाख इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन उस पर आर्मीनिया के जातीय गुटों का कब्जा है. 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मीनिया का हिस्सा घोषित कर दिया.
मॉस्को: अजरबैजान और अर्मेनिया के बीच भीषण युद्ध जारी है. अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीफ ने दावा किया है कि उनके देश के सुरक्षाबलों ने नागोर्नो-काराबाख के इलाके में एक अहम शहर पर उन्होंने कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति ने देश के नाम जारी संदेश में कहा कि शुशा नाम के शहर को उनकी सेना ने अपने कब्जे में ले लिया है. हालांकि आर्मीनिया ने अजरबैजान के इस दावे को खारिज कर दिया है और कहा है कि लड़ाई अभी जारी है. अजरबैजान और आर्मेनिया में 27 सितंबर से लड़ाई चल रही है.
अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच महीने भर से चल रही लड़ाई में अजरबैजान को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. अजरबैजान पर लगातार मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर दागे जा रहे हैं.
आर्मेनिया पर रिहायशी इलाकों में हमला करने का आरोप
इससे पहले अजरबैजान रिहायशी इलाके पर किए हमले का आरोप अर्मेनिया पर लगाया था. अजरबैजान का आरोप था कि आर्मेनिया ने विवादितक्षेत्र के बाहर जाकर रिहायशी इलाकों में हमले किए. दूसरी तरफ आर्मेनिया का भी आरोप है कि अजरबैजान ने स्टेपेनकर्ट और सुशी शहर में अस्पतालों पर हमले किए. अजरबैजान जहां अस्पताल पर हमले के आरोप से इनकार किया, वहीं आर्मेनिया भी बारडा शहर पर हमले से इनकार कर रहा है.
क्यों हो रहा है दोनों देशों में युद्ध
यूरोप के नजदीक एशिया का देश आर्मीनिया और उसका पड़ोसी देश है अजरबैजान. विवाद की जड़ में है 4400 वर्ग किलोमीटर में फैला नागोर्नो-काराबाख नाम का इलाका. नागोर्नो-काराबाख इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन उस पर आर्मीनिया के जातीय गुटों का कब्जा है. 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मीनिया का हिस्सा घोषित कर दिया. इसी बात को लेकर दोनों देशों में पहले भी भिड़ंत हुई है.
+ There are no comments
Add yours