बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने 9 अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस पर लगाई रोक
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 1 जुलाई 2010 के बाद एलएलबी करने वाले और वकील के रूप में पंजीकरण के दो साल के भीतर ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) पास नहीं करने वाले अधिवक्ता अब न्यायालय में पैरवी नहीं कर सकेंगे।
राजस्थान में प्रभावित वकील
- राजस्थान बार काउंसिल ने वैर और भुसावर के 9 अधिवक्ताओं को डी-बार कर दिया है।
- इन वकीलों की सूची अभिभाषक संघ वैर के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दी गई है।
- इन वकीलों के एनरोलमेंट नंबर, नाम, एलएलबी पासिंग ईयर आदि की जानकारी सार्वजनिक की गई है।
- अब ये अधिवक्ता एआईबीई परीक्षा पास किए बिना किसी भी अदालत में वकालत नहीं कर सकेंगे।
बार एसोसिएशन में हड़कंप
- इस निर्णय से वैर और भुसावर तहसील के वकीलों में हड़कंप मच गया है।
- 8-10 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे कई अधिवक्ता भी इस कार्रवाई की चपेट में आ गए हैं।
- इनमें से कुछ अधिवक्ता तो बार एसोसिएशन के चुनावों में भी भाग ले चुके हैं।
बार काउंसिल का रुख
- नए नियमों के अनुसार, यदि कोई वकील पंजीकरण के दो साल बाद भी AIBE परीक्षा पास नहीं करता है, तो उसका पंजीकरण निरस्त माना जाएगा।
- अभिभाषक संघ वैर ने बार काउंसिल ऑफ राजस्थान को इस मुद्दे पर परामर्श के लिए मेल भेजा है।
- आगे की कार्रवाई बार काउंसिल ऑफ इंडिया के दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाएगी।
निष्कर्ष
- AIBE परीक्षा पास करना अब सभी वकीलों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
- जो अधिवक्ता यह परीक्षा पास नहीं करेंगे, वे किसी भी न्यायालय में पैरवी नहीं कर सकेंगे।
- डी-बार किए गए अधिवक्ताओं को अब परीक्षा पास करनी होगी, तभी वे वकालत फिर से शुरू कर सकेंगे।
👉 यह निर्णय कानूनी पेशे की योग्यता और मानकों को बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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