बीसीएमजी ने अधिवक्ता डॉ. गुणरतन सदावर्ते को कदाचार के मामले में पाया दोषी, दो साल के लिए उनका विधि व्यवसाय लाइसेंस निलंबित

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डॉ. गुणरतन सदावर्ते को अधिवक्ता आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए टेलीविजन बहसों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और आंदोलन के दौरान अपना एडवोकेट का बैंड पहने देखा गया।

बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा ने अधिवक्ता गुणरतन सदावर्ते को कदाचार के मामले में दोषी पाया है और दो साल की अवधि के लिए उनका विधि व्यवसाय का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। अधिवक्ता गुणरतन सदावर्ते पर राकांपा नेता शरद पवार के घर के बाहर हमले की साजिश रचने का भी आरोप है।

बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा की तीन सदस्यीय अनुशासन समिति ने सदावर्ते को अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 35 के तहत कदाचार का दोषी पाया। बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के सचिव द्वारा भेजे गए एक ईमेल में कहा गया है, “बीसीएमजी द्वारा प्रतिवादी एडवोकेट डॉ. गुणरतन सदावर्ते को जारी किए गए लॉ प्रैक्टिस के लाइसेंस को इस आदेश की तारीख से अगले दो साल की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है।”

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि डॉ. गुणरतन सदावर्ते को अधिवक्ता आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए टेलीविजन बहसों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और आंदोलन के दौरान अपना एडवोकेट का बैंड पहने देखा गया।

इससे पहले हाईकोर्ट ने एडवोकेट सुशील मांचेकर द्वारा दायर शिकायत पर डॉ. गुणरतन सदावर्ते के खिलाफ शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। 7 फरवरी, 2023 को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा ने सदावर्ते को अनुशासनात्मक कार्यवाही के बारे में सूचित करते हुए एक नोटिस जारी किया था और उन्हें उपस्थित रहने का निर्देश दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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यह देखते हुए कि अधिवक्ता डॉ. गुणरतन सदावर्ते को केवल इसलिए कोई विशेष उपचार नहीं दिया जाएगा क्योंकि वह एक वकील हैं और आरोप लगाते हैं कि शिकायत राजनीति से प्रेरित है, अदालत ने केवल नियम जारी किया और कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

न्यायलय को बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के नोटिस में कोई प्रक्रियागत खामी नहीं मिली।

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