BSP के पूर्व सांसद दाउद अहमद के अवैध निर्माण पर रविवार को चला हथौड़ा, नहीं थी NOC पुरातत्व विभाग से-

BSP के पूर्व सांसद दाउद अहमद के अवैध निर्माण पर रविवार को चला हथौड़ा, नहीं थी NOC पुरातत्व विभाग से-

लखनऊ : BSP (बसपा) के पूर्व सांसद दाउद अहमद के लखनऊ स्थित अवैध निर्माण पर आज रविवार को प्रशासन ने अपना हथौड़ा चला दिया। दरअसल, रिवर बैंक कॉलोनी में दाउद अहमद ने 5 मंजिला बिल्डिंग खड़ी कर दी। जिस पर करीब 7 करोड़ रुपए खर्च किए गए। निर्माण के लिए पुरातत्व विभाग (ASI) से NOC (एनओसी) नहीं ली गई थी।

जबकि विभाग बार-बार नोटिस जारी कर रहा था। बावजूद इसके ILLEGAL CONSTRUCTION (अवैध निर्माण) को नहीं गिरवाया। अब लखनऊ प्रशासन (LUCKNOW ADMINISTRATION) ने नगर निगम (NAGAR NIGAM), पुरातत्व विभाग (ASI) और लखनऊ पुलिस (LUCKNOW POLICE) के साथ मिलकर बिल्डिंग पर बुल्डोजर चलाया है।

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इस बिल्डिंग का MAP (नक्शा) भी LDA के अधिकारियों ने बिना पुरातत्व विभाग (ASI) की अनापत्ति के ही स्वीकृत कर दिया था। हालांकि बाद में विरोध के बाद इसको निरस्त कर दिया।

अब ASI के आदेश पर जिला प्रशासन और पुलिस के लोग संयुक्त अभियान चलाकर इमारत को ध्वस्त कर रहे हैं। ये बिल्डिंग रेजीडेंसी के नजदीक है और इस सीमा के भीतर ऊंचे निर्माण प्रतिबंधित है।

लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की ओर से इस अवैध बिल्डिंग को गिराने की कोशिश पूर्व में की गई थी। लेकिन रसूख और कागजों में फंसा कर इसको रोक दिया गया था। तब नक्शा पास होने और अन्य कई कारण बताते हुए कार्रवाई रोकी गई थी।

इस बिल्डिंग को लेकर बाद में ASI के संयुक्त निदेशक ने पूर्व सांसद दाउद को नोटिस जारी किया था। इसमें कहा गया था कि सात दिन में ये निर्माण खुद हटा लें। हटाए न जाने की दशा में प्रशासन की जेसीबी मशीनों ने इमारत को ध्वस्त करना शुरू कर देगा।

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आज रविवार सुबह सात बजे से ही बिल्डिंग को गिराने के लिए कार्रवाई की गई। विरोध की आशंका को लेकर पुलिस फोर्स को भी बुला लिया गया था। लेकिन कोई विरोध के लिए सामने नहीं आया। बिल्डिंग पांच मंजिला बनाई गई है। इसमें केवल फिनिशिंग काम बचा था।

दाउद अहमद कौन हैं?
दाउद अहमद 1999 से 2004 तक शाहबाद सीट से बसपा के टिकट पर सांसद रहे। 2007 से 2012 तक पिहानी हरदोई से वह विधायक रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में वह मोहम्मदी से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, पर हार गए थे।

हालांकि साल 2019 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल बता कर बसपा सुप्रीमो मायावती ने इनको पार्टी से निकाल दिया था।

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