महाशियां दी हट्टी (MDH) के मालिक और ‘मसाला किंग’ के नाम से मशहूर महाशय धर्मपाल गुलाटी (Mahashay Dharampal Gulati) का आज 98 साल की उम्र में निधन हो गया. 1923 में पाकिस्तान में जन्मे धर्मपाल गुलाटी ने अपनी मेहनत और लगन से MDH को नई ऊंचाई तक पहुंचाया. पांचवीं पास धर्मपाल गुलाटी एफएमसीजी सेक्टर (FMCG Sector) में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ (CEO) थे. उन्हें सालाना 25 करोड़ रुपये का वेतन मिलता था. गुलाटी का वेतन किसी अन्य एफएमसीजी कंपनी के सीईओ के मुकाबले सबसे अधिक हैं. आइए आपको बताते हैं इनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें…
पद्म भूषण से सम्मानित
महाशियां दी हट्टी (MDH) ग्रुप के सीईओ गुलाटी पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित हैं. साल 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने धर्मपाल गुलाटी को पद्म भूषण से सम्मानित किया था. एमडीएच देश में सबसे ज्यादा मसाला बनाने और बेचने वाली कंपनी है और देश के कुल मसाला कारोबार में एमडीएच की 12 फीसदी हिस्सेदारी है.
दिल्ली में चलाए तांगे
1947 में देश के विभाजन के बाद धर्मपाल गुलाटी परिवार सहित पाकिस्तान से भारत चले आए और दिल्ली में आकर तांगा चलाना शुरू किया. भारत आने के समय उनके पास 1500 रुपये ही बचे थे, जिससे उन्होंने 650 रुपये में घोड़ा और तांगा खरीदकर रेलवे स्टेशन पर चलाना शुरू किया. कुछ दिनों के बाद उन्होंने अपने भाई को तांगा देकर करोलबाग की अजमल खां रोड पर मसाले बेचना शुरू कर दिया.
1959 में कीर्ति नगर में लगाई पहली फैक्ट्री
गुलाटी परिवार ने मसालों की सबसे पहली फैक्ट्री 1959 में राजधानी दिल्ली के कीर्ति नगर में लगाई थी. इसके बाद उन्होंने करोल बाग में अजमल खां रोड पर ऐसी ही एक और फैक्ट्री डाली. 60 के दशक में एमडीएच करोल बाग में मसालों की मशहूर दुकान बन चुकी थी.
FMCG सेक्टर में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले CEO
धर्मपाल गुलाटी कक्षा पांचवीं तक पढ़े हैं. धर्मपाल गुलाटी एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाई वाले सीईओ हैं. साल 2018 में उनका सालाना वेतन 25 करोड़ रुपये था. वो एमएमसीजी सेक्टर में सबसे अधिक सैलरी पाने वाले सीईओ थे.
इन नामों से थे मशहूर
MDH (महाशियां दी हट्टी) के मालिक और सीईओ महाशय धर्मपाल गुलाटी अनकों नाम से मशहूर थे. वो एमडीएच अंकल (MDH uncle), दादाजी (Dadaji), मसाला किंग (Masala King), और मसाला किंग (King of Spices) के नाम से फेमस थे.
90 फीसदी सैलरी करते थे दान
आर्य समाज से जुड़े धर्मपाल गुलाटी दान-पुण्य में भी काफी आगे रहते थे. अपनी सैलरी का करीब 90 फीसदी हिस्सा वह दान कर दते थे. जानकारी के मुताबिक, 20 स्कूल और 1 हॉस्पिटल भी उनके द्वारा चलाए गए हैं.
420 करोड़ रुपये कंपनी का प्रॉफिट
साल 2020 में एमडीएच का कुल नेट प्रॉफिट 420 करोड़ रुपये रहा. जबकि कंपनी का ऑपरेटिंग इनकम 2,000 करोड़ रुपये रहा. वर्तमान में MDH के 62 प्रोडक्ट 150 अलग-अलग पैकेज में उपलब्ध हैं.