संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को लोकसभा में एनडीपीएस (स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम) कानून में विसंगतियों को सुधारने के लिए एक विधेयक पेश किया गया।
वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने यह विधेयक पेश किया। इसमें कहा गया है कि एनडीपीएस की धारा 27ए की विसंगति को ठीक करने के लिये धारा 27ए के खंड 8ए के स्थान पर 8बी प्रतिस्थापित करने का फैसला किया गया है ताकि इसका विधायी आशय पूरा किया जा सके।
वहीं, रिवॉल्यूशनिस्ट सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एनके प्रेमचंद्रन ने इस विधेयक को पेश करने का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारी बहुमत होने के कारण यह सरकार संवेदनशील नहीं है और विपक्ष की किसी भी बात पर ध्यान नहीं देती है।
प्रेमचंद्रन ने कहा कि ठीक से चर्चा किए बिना की यह विधेयक पैश किया जा रहा है और यह संविधान में उल्लेखित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि इसका मसौदा तैयार करने में भी गलती हुई है।
बीजू जनता दल (बीजद) के भर्तृहरि महताब ने इसे लेकर कहा कि केंद्र सरकार का कहना है कि मसौदा तैयार करने में गलती को ठीक करने के लिए यह विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि साल 1985 में यह कानून बना था और तीन बार इसमें संशोधन किए जा चुके हैं।
इसमें पिछला संशोधन साल 2014 में किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार को सात साल बाद गलती का ध्यान कैसे आया। कांग्रेस पार्टी के के सुरेश ने भी विधेयक का मसौदा फिर से तैयार करने की मांग की।