जिला कचहरी मुरादाबाद में बुधवार दोपहर वकीलों और पुलिसकर्मीयो के बीच भिड़ंत हो गया। एक अधिवक्ता ने कटघर थाने के पैरोकार पर केस डायरी से पर्चा निकालने का आरोप लगाकर हंगामा किया। सिपाही ने मोबाइल से वीडियो बनाया तो वकील भड़क गए। वकीलों ने सिपाही को घेरकर धक्कामुक्की कर दी। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने सिपाही को बचाया।
उधर, अधिवक्ता ने चौकी इंचार्ज और अन्य पुलिसकर्मियों पर मारपीट करने और कोट फाड़ने का आरोप लगाया है। अधिवक्ताओं ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जांच के बाद कार्रवाई के आश्वासन पर अधिवक्ता शांत हुए।
कटघर थाने में आलम, महबूब आलम और मोहम्मद आदिल के खिलाफ जानलेवा हमले समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था। इस मामले के आरोपी आलम की जमानत याचिका जिला जज की अदालत में विचाराधीन था। इस केस की पैरवी वकील सरवर आलम कर रहे हैं।
पर्चा केस डायरी से निकालने को लेकर भिड़े-
मामला कटघर थाना क्षेत्र का है। हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद एक अभियुक्त की जमानत की अर्जी कोर्ट में लगी थी। बताया जा रहा है कि पुलिस ने विवेचना में हत्या के प्रयास को तरमीम के IPC 325 में तरमीम कर दिया था। इस मामले में बुधवार को कोर्ट में जमानत पर सुनवाई थी।
अभियुक्त के अधिवक्ता सरवर आलम का आरोप है कि केस जमानतीय धाराओं में तरमीम होने के बाद भी पैरोकार ने वो पेपर केस डायरी से निकाल दिया।
वकील ने बताया कि उससे जब इस विषय में पूछा। वह कुछ बताने के लिए राजी नहीं हुआ। इस दौरान दोनों की बहस को सुनकर वहां अन्य अधिवक्ता के साथ ही अब्दुल रहमान आ गए। घटना की सूचना मिलने पर पुलिसकर्मी भी आ गए। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने वकीलों के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया। झगड़ा होते देख वकील भी एकत्र होने लगे, जिनकी वीडियो एक पुलिसकर्मी द्वारा बनाई जाने लगी थी। वकीलों ने सिपाही को वीडियो नहीं बनाने की हिदायत दी, लेकिन वह नहीं माना। इस मामले को लेकर विवाद और भी बढ़ गया।
डा. अजय कुमार, जनपद न्यायाधीश ने बताया-
वकील जनपद न्यायाधीश के कार्यालय के सामने एकत्र होकर अपने गुस्से का इजहार करने लगे। हंगामे की सूचना मिलने पर एसएसपी बबलू कुमार, एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया समेत अन्य अधिकारी फोर्स संग मौके पर पहुंच गए। इसके बाद जिला जज के कक्ष में बार पदाधिकारियों को बुलाकर वार्ता की गई। यहां निर्णय हुआ कि दो दिन में पुलिस मामले की जांच करेगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आदेश कुमार श्रीवास्तव, अध्यक्ष, दि बार एसोसिएशन एंड लाइब्रेरी ने बताया-
मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। किसी भी दशा में पुलिसकर्मियों की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। पीड़ित साथी अधिवक्ता की ओर से बार को शिकायती पत्र दिया गया है, जिसके आधार पर बार की ओर से एसएसपी को पत्र प्रेषित किया गया है। पत्र में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई है।
अब्दुल रहमान, अधिवक्ता का कहना है कि-
पैरोकार ने केस डायरी से पर्चा गायब कर दिया था। हमने उससे पर्चा निकालने के बारे में पूछताछ की तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। पैरोकार ने सूचना देकर अन्य पुलिसकर्मियों को बुला लिया। कैंप चौकी प्रभारी सुधीर कुमार ने मेरे साथ मारपीट की और मेरा कोट फाड़ दिया।
अमित कुमार, पैरोकार का कहना है कि-
मेरे पास लोअर कोर्ट से कोई भी लिखित या मौखिक आदेश नहीं था। मैं समस्त कागजात केस डायरी लोअर कोर्ट में दाखिल नहीं कर सकता था। आरोपी के अधिवक्ता मुझ पर केस डायरी लेने के लिए दबाव बना रहे थे। मैंने मना किया तो मेरे साथ मारपीट की और अभद्रता की।
इन धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा-
आईपीसी की धारा 147, 148 149, 323,324, 452,504,506 व 307 में केस दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान धारा 307 आईपीसी को दिनांक 18 फरवरी को निकाल दिया गया था, जिसका पर्चा भी विवेचक द्वारा केस डायरी में दाखिल किया गया था। कुछ अधिवक्ता पैरोकार पर आरोप लगाकर हंगामा कर रहे थे। उन्हें समझाकर शांत करा दिया गया था। एसपी देहात को मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बबलू कुमार, एसएसपी, मुरादाबाद का कथन है कि–
कचहरी में एक सिपाही के साथ मारपीट की गई थी। सूचना मिलने पर मैं मौके पर गया था। मेरे साथ मौजूद सिपाही मोबाइल पर बात कर रहा था। अधिवक्ताओं ने उसके साथ भी अभद्रता की थी। मैंने विरोध किया तो मेरे साथ भी अभद्रता करने लगे थे। मैंने किसी के साथ अभद्रता व मारपीट नहीं की।