Collegium System: CJI ने कहा कि हर प्रणाली सही नहीं होती, लेकिन यह सबसे अच्छी प्रणाली है

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न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली Collegium System का बचाव करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हर प्रणाली सही नहीं होती, लेकिन यह सबसे अच्छी प्रणाली है। उन्होंने कहा, हमें न्यायपालिका को बाहरी प्रभावों से बचाना होगा।

CJI on collegium and Government pressures over judgement: भारत के सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को जजों की नियुक्ति करने वाले कॉलेजियम सिस्टम Collegium System का जोरदार तरीके से बचाव किया। आए दिन कॉलेजियम के खिलाफ बयान देने वाले कानून मंत्री किरेन रिजिजू को लेकर सीजेआई ने कहा कि वह कानून मंत्री के साथ समस्याओं में शामिल नहीं होना चाहता। लेकिन यह भी कहना चाहता हूं कि कोई सिस्टम परफेक्ट नहीं होता है और कॉलेजियम वर्तमान में उपलब्ध सिस्टम्स में सबसे उपयुक्त है।

एक मीडिया ग्रुप के कॉन्क्लेव में बोलते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को न्यायाधीशों की नियुक्ति करने वाली कॉलेजियम प्रणाली Collegium System का पक्ष लेते हुए कहा कि हर प्रणाली सही नहीं होती है लेकिन यह उपलब्ध सर्वोत्तम प्रणाली है। न्यायपालिका को स्वतंत्र होने के लिए बाहरी प्रभावों से बचाना होगा। भारत के मुख्य न्यायााधीश ने कहा कि हर प्रणाली सही नहीं है लेकिन यह हमारे द्वारा विकसित की गई सबसे अच्छी प्रणाली है। लेकिन इसका उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता की रक्षा करना था जो कि एक प्रमुख मूल्य है। अगर न्यायपालिका को स्वतंत्र होना है तो हमें न्यायपालिका को बाहरी प्रभावों से अलग करना होगा।

धारणाओं के मतभेदों में नहीं पड़ना चाहता-

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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा संवैधानिक अदालतों के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सिफारिश किए गए नामों को मंजूरी नहीं देने के सरकार के कारणों का खुलासा करने पर कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा नाराजगी व्यक्त करने पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि धारणा में अंतर होने में क्या गलत है? लेकिन मुझे इस तरह के मतभेदों से मजबूत संवैधानिक राजनीति की भावना के साथ निपटना होगा। मैं कानून मंत्री के साथ मुद्दों को जोड़ना नहीं चाहता, हम धारणाओं के मतभेदों के लिए बाध्य हैं।

जानकारी हो की कानून मंत्री रिजिजू कॉलेजियम प्रणाली Collegium System के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं और एक बार तो उन्होंने इसे हमारे संविधान से अलग भी कहा था।

सरकार का कोई दबाव नहीं…

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामलों को कैसे तय किया जाए, इस पर सरकार की ओर से बिल्कुल कोई दबाव नहीं है। सीजेआई ने कहा कि जजशिप के मेरे 23 साल के कार्यकाल में किसी ने मुझे यह नहीं बताया कि किसी मामले का फैसला कैसे किया जाए। सरकार की तरफ से कोई दबाव नहीं है। चुनाव आयोग का फैसला इस बात का सबूत है कि न्यायपालिका पर कोई दबाव नहीं है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की एक समिति की सलाह पर की जाएगी।

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