घूस नहीं मिलने पर अधिवक्ता पर झूठा केस दर्ज करने के मामले में कोर्ट ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए

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मामले को लेकर पीड़ित अधिवक्ता की ओर से जिला न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। दस्तावेजी साक्ष्य के बाद शिकायत झूठी पाते हुए न्यायालय ने आरोपी पुलिसकर्मियों केखिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

शहडोल जिले अधिवक्ता पर झूठा केस दर्ज करने के मामले में न्यायालय ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने मामले में आरोपी सहायक उप निरीक्षक और अन्य के विरुद्ध केस दर्ज करने के आदेश जारी किए गए हैं।

पीड़ित शहडोल निवासी थानेश्वर गोले अधिवक्ता उच्च न्यायालय जबलपुर ने मामले को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया- साल 2016 में उनके खिलाफ दर्ज झूठी शिकायत के खात्मे के लिए कोतवाली में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक राकेश मिश्रा ने रुपयों की मांग की थी। पैसे नहीं देने पर राकेश ने तत्कालीन थाने में पदस्थ उप निरीक्षक सुभाष दुबे के साथ मिलकर खुद उनके, पिता और भाई के खिलाफ झूठा अपराध पंजीबद्ध कर दिया गया। यही नहीं मकान और दुकान समेत चल-अचल संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई भी कर दी।

मामले को लेकर पीड़ित अधिवक्ता की ओर से जिला न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। दस्तावेजी साक्ष्य के बाद शिकायत झूठी पाते हुए न्यायालय ने राकेश मिश्रा के खिलाफ धारा 119, 294, 506, 448, 451, 427 भारतीय दंड संहिता एव एट्रोसिटी एक्ट, आरोपी निकुंज पटेल के विरुद्ध धारा 294, 506, 448, 451, 427 भारतीय दंड संहिता व एट्रोसिटी एक्ट और वीरेंद्र विश्वकर्मा उनकी पत्नी उर्मिला विश्वकर्मा के विरुद्ध धारा 448 भारतीय दंड संहिता के साथ एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर 27 फरवरी को न्यायालय में उपस्थित होने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, आरोपी उप निरीक्षक सुभाष दुबे के विरुद्ध तथ्य नहीं आने की बात न्यायालय ने कही।

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