CRPF जवान की पाकिस्तानी पत्नी को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट से मिली राहत, निर्वासन के बाद लौटी भारत
भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के सभी प्रकार के वीजा रद्द किए जाने के आदेश के बीच, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने CRPF कांस्टेबल मुनीर अहमद की पाकिस्तानी पत्नी मीनल खान को अंतिम समय में राहत प्रदान की। खान, जो भारत में वीजिटिंग वीजा पर आई थीं और विवाह के बाद दीर्घकालिक वीजा (long-term visa) के लिए आवेदन कर चुकी थीं, को पहले अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया था।
वकील की दलीलें
मीनल खान की ओर से पेश अधिवक्ता अंकुर शर्मा ने ANI को बताया:
“मुनीर अहमद, जो CRPF में कांस्टेबल हैं, ने लगभग ढाई महीने पहले मीनल खान से विवाह किया। मीनल वीजिटिंग वीजा पर भारत आईं थीं और विवाह के बाद उन्होंने दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन किया। वह वीजा इंटरव्यू में शामिल हुई थीं और MHA (गृह मंत्रालय) को सकारात्मक सिफारिश भेजी गई थी।”
शर्मा के अनुसार, 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा वीजा प्रतिबंधों के तहत सिर्फ दो श्रेणियों—राजनयिक वीजा धारकों और दीर्घकालिक वीजा धारकों—को छूट दी गई। मीनल खान का दीर्घकालिक वीजा आवेदन प्रक्रियाधीन था, इस कारण उन्हें वीजा-रहित मानते हुए देश से निष्कासित कर दिया गया।
अदालत में दाखिल याचिका और राहत
अधिवक्ता शर्मा ने बताया कि खान को पाकिस्तान भेजे जाने के उसी दिन हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई और तात्कालिक सुनवाई में न्यायालय ने अंतरिम राहत प्रदान करते हुए भारत में पुनः प्रवेश की अनुमति दी। इसके बाद मीनल खान को वापस जम्मू लाया गया और वे अगली सुबह 3 बजे वहां पहुंचीं।
देश से बाहर हुए 786 पाकिस्तानी नागरिक
सरकारी आदेशों के पालन में, 24 अप्रैल से 6 दिनों में 786 पाकिस्तानी नागरिक भारत छोड़ चुके हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सभी ने अटारी बॉर्डर से देश छोड़ा।
पृष्ठभूमि
यह घटनाक्रम 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सामने आया, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक हमला माना जा रहा है, जिसमें 40 CRPF जवान शहीद हुए थे।
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