इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी ने हिंदी में फैसले सुनाने की दिशा में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। न्यायमूर्ति चौधरी ने अपने 20 माह के कार्यकाल में अब तक दो हज़ार से अधिक निर्णय हिंदी में ही दिए हैं।
एकल न्याय पीठ में बैठकर वो हर दिन 30 से 35 मुकदमों में हिंदी में ही निर्णय व आदेश सुनाते हैं। इनमें तमाम आदेश अंतरिम तो कई अंतिम निर्णय भी शामिल हैं।
न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी ने 12 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति के तौर पर शपथ ली थी । तब से अपने 20 माह के कार्यकाल में उन्होंने लगभग 2200 निर्णय हिंदी में दिए है।
एकल पीठ में बैठकर वह ज्यादातर निर्णय हिंदी में ही देते हैं। इनमें हाल ही में डॉ. कफील खान के मामले में दिया उनका निर्णय काफी चर्चा में रहा जो कि हिंदी में था। इसके अलावा तमाम जमानत याचिकाओं, पुनरीक्षण अर्जियों व अन्य मामलों में भी उन्होंने हिंदी में ही महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं।
न्यायमूर्ति चौधरी के अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी, न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव आदि भी हिंदी में हर दिन निर्णय सुनाते हैं।
हालांकि न्यायाधीशों के पास हिंदी भाषा का एक-एक स्टेनो होने के कारण ज्यादा फैसले हिंदी में देने में दिक्कत आती है। इसके बावजूद हाईकोर्ट में हाल के वर्षों में हिंदी में फैसले देने में तेजी आई है।
14 सितंबर हिंदी दिवस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए इस दिन पूरी तरह से हिंदी भाषा में ही काम किया। इस दिन कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति से लेकर हाईकोर्ट के सभी न्यायमूर्तिगणों ने हिंदी भाषा में ही निर्णय दिए, जबकि वकीलों ने भी हिंदी भाषा में ही बहस की।