सम्भल में हरिहर मंदिर आस्था का केंद्र, 1529 में बाबर ने तोड़ा मंदिर, कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर ने किया सर्वे

सम्भल में हरिहर मंदिर आस्था का केंद्र, 1529 में बाबर ने तोड़ा मंदिर, कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर ने किया सर्वे

संभल जामा मस्जिद का एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे किया है और वह अपनी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करेंगे. फिलहाल सर्वे की कार्यवाही पूरी हो चुकी है.

उत्तर प्रदेश में संभल जिले की एक अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद Jama Masjid का सर्वेक्षण किया गया. दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को खंडित करके किया गया है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये.

अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए. उन्होंने कहा, ”सम्भल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है.

वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ा?

हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है. वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है. उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता.’’ जैन ने कहा,‘‘वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं. इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है. ’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में एएसआई, उत्तर प्रदेश सरकार, जामा मस्जिद कमेटी और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है.

संभल मस्जिद पर हिंदू पक्ष का क्या दावा

विष्णु शंकर जैन ने कहा, ”संभल Sambhal में हरिहर मंदिर Hari Har Mandir हमारी आस्था का केंद्र है. हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है. वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है. उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता.” जैन ने कहा,‘‘वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं. इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है. ‘

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जिलाधिकारी संभल ने क्या कहा?

संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने संवाददाताओं से कहा कि आदेश के अनुसार ‘एडवोकेट कमिश्नर’ ने सर्वे किया था. इस दौरान दोनों पक्ष मौजूद थे. उन्होंने कहा, ‘‘हम सिर्फ सुरक्षा दे रहे थे. आज एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे किया है और वह अपनी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करेंगे. फिलहाल सर्वे की कार्यवाही पूरी हो चुकी है. अगर जरूरत पड़ी तो न्यायालय फैसला करेगा.”

संभल मस्जिद पर मुस्लिम पक्ष की राय-

संभल के डीएम और एसपी भी सर्वे के दौरान मौजूद रहे. संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क का दावा है कि सर्वे में कुछ नहीं मिला. ये मस्जिद है और मस्जिद ही रहेगी. ऐतिहासिक मस्जिद बहुत पुरानी है. 1991 में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर ही रहेंगे. उसके बाद भी कुछ लोग देश और प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं, हम उनके खिलाफ हैं.”

कल्कि अवतार संभल में-

इसके साथ ही विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इस मामले में एएसआई, उत्तर प्रदेश सरकार, जामा मस्जिद कमेटी और संभल के जिलाधिकारी को पक्षकार बनाया गया है. जैन ने बाद में ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”आज माननीय सिविल कोर्ट ने मेरी याचिका पर ‘एडवोकेट कमिश्नर’ द्वारा संभल में कथित जामा मस्जिद का सर्वे करने का निर्देश दिया है जिसे हरि हर मंदिर के नाम से जाना जाता था. बाबर ने 1529 में इस स्थान को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया था. ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार सम्भल में होना है.”

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सर्वे के वक्त रहे मौजूद दोनों

कोर्ट के आदेश पर जब मस्जिद का सर्वे हो रहा था, तब वहां दोनों पक्षों के लोग मौजूद रहे. इस दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद और मस्जिद कमेटी के लोग भी मौजूद रहें. एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे का काम पूरा किया. दरअसल हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद हरिहर मंदिर के ऊपर बनी है. सर्वे की खबर सुनते ही हज़ारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग रात में ही मस्जिद के बाहर जमा हो गए थे.

हिंदू पक्ष की बड़ी जीत-

संभल मस्जिद के सर्वे को हिंदू पक्ष की बडी जीत माना जा रहा है. संभल की शाही जामा मस्जिद की जगह मंदिर होने का दावा हिन्दू पक्षों ने किया था. इसको लेकर अदालत में याचिका दाखिल की गई है. जिले की जामा मस्जिद की जगह श्री हरि हर मंदिर होने का दावा जिला कोर्ट में पेश किया गया था. जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि आदेश के अनुसार ‘एडवोकेट कमिश्नर’ ने सर्वे किया था. उन्होंने, ‘‘हम सिर्फ सुरक्षा दे रहे थे. एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे किया है और वह अपनी रिपोर्ट अदालत में दाखिल करेंगे. फिलहाल सर्वे की कार्यवाही पूरी हो चुकी है. अगर जरूरत पड़ी तो न्यायालय फैसला करेगा.

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