संभव हुआ मोबाइल द्वारा हार्ट मोनिटिरिंग
अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ के ह्रदय रोग विशेषज्ञ ने किया ब्लूटूथ इनेबल्ड हार्ट फ़ेल्योर डिवाइस प्रत्यारोपण
डॉक्टर एक मोबाइल एप्प द्वारा 24×7 कर सकेंगे दिल की कार्य क्षमता की निगरानी
उत्तर प्रदेश में पहली बार हुआ इस तरह की अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग
लखनऊ : लखनऊ के अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अपोलोमेडिक्स के डॉक्टरों ने कोरोना महामारी के कहर के बीच गंभीर ह्रदय रोग से पीड़ित महिला को जीवनदान दिया।
अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में हृदय रोग विभाग के वरिष्ठ हृदय विशेषज्ञ, डॉ (कर्नल) अजय बहादुर ने बताया, “लखनऊ के गोमतीनगर की निवासिनी 60 वर्षीया सुश्री पूनम अग्रवाल, को काफी समय से सीने में दर्द व सांस फूलने की तकलीफ थी। उन्हें अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल, लखनऊ में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की टीम ने जब जांच की तो ईसीजी में पूर्ण एलबीबीबी का पता चला और 2 डी इको में हृदय के खून को पंप करने की क्षमता को मात्र 30% होने का पता चला जो कि एक गंभीर समस्या थी। उनकी एंजियोग्राफी की गयी और इसके बाद एक कॉम्बो डिवाइस (कार्डियक री सिंक्रोनाइजेशन थेरेपी विद डिफीब्रिलेशन या CRTD) प्रत्यारोपित किया गया। यह डिवाइस एक ब्लूटूथ सक्षम रिमोट सेंसिंग और प्रोग्रामेबल डिवाइस है जो उत्तर प्रदेश में पहली बार प्रयोग की गयी है। यह डिवाइस कंपनी के सुरक्षित रिमोट मॉनिटरिंग ऐप के साथ आता है और आसानी से किसी भी स्मार्टफोन पर चलाया जा सकता है। इस उपकरण द्वारा चिकित्सक अपने मोबाइल फोन से रोगी के दिल की धड़कन व कार्य क्षमता की निगरानी कर सकता है जिसका अर्थ है कि आपातकालीन स्थिति में रोगी को इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचने की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। रोगी अपने सेल फोन पर भी अपनी ह्रदय गति का हिसाब रख सकते हैं। यह विशेष रूप से कोविड -19 बार के दौरान बहुत ही फायदेमंद साबित हुआ। सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न हुई और अब मरीज़ पूर्णतयः स्वस्थ हो के डिस्चार्ज हो गया है“
अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ मयंक सोमानी ने कहा कि, “अपोलोमेडिक्स हमेशा हेल्थकेयर इनोवेशन में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। यह एक ऐतिहासिक व उल्लेखनीय सर्जरी है जो उत्तर प्रदेश में कभी नहीं की गई। इस COVID 19 महामारी के दौरान हृदय रोगियों की सर्जरी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है क्योंकि इसके लिए व्यापक पेरी ऑपरेटिव, पोस्ट ऑपरेटिव देखभाल और संसाधनों की आवश्यकता होती है। ऐसे अत्याधुनिक उपकरणों की सहायता से रोगी अस्पताल में आए बिना भी निगरानी में रहता है और किसी भी आपात स्थिति को समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है। मैं अपोलोमेडिक्स कार्डियक साइंसेज टीम को बधाई देता हूं और आशा करता हूं कि हम भविष्य में भी इस तरह की उल्लेखनीय सर्जरी करते रहेंगे।