हाई कोर्ट ने 50% अंकों के विवाद में शिक्षिका की याचिका मंजूर की, नियुक्ति का आदेश
जबलपुर: मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की एकलपीठ ने मध्य विद्यालय शिक्षक के पद के लिए एक अभ्यर्थी की याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को तीन माह के भीतर उसकी नियुक्ति आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि उसने स्नातक (B.A.) में 50% से कम अंक (47.5%) प्राप्त किए थे, जबकि उसने M.A. में 50% अंक और B.Ed. की मान्यता प्राप्त डिग्री हासिल की थी।
मामले की पृष्ठभूमि:
याचिकाकर्ता ने मध्य विद्यालय शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 में हिस्सा लिया था, लेकिन उसकी उम्मीदवारी को 17 सितंबर 2021 के आदेश के तहत अमान्य घोषित कर दिया गया था और उसका नाम अमान्य अभ्यर्थियों की सूची में क्रमांक 124 पर दर्ज किया गया था।
याचिकाकर्ता की दलीलें:
- याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की 28 नवंबर 2014 की अधिसूचना का हवाला दिया, जिसके अनुसार अगर किसी अभ्यर्थी के स्नातक या स्नातकोत्तर (B.A./M.A.) में 50% अंक हैं, तो वह B.Ed. हेतु और शिक्षक पद हेतु पात्र माना जाएगा।
- उन्होंने यह भी तर्क दिया कि विज्ञापन में केवल स्नातक में न्यूनतम 45% अंक की आवश्यकता बताई गई थी, न कि 50%।
- याचिकाकर्ता के पास M.A. में 50% अंक और मान्य B.Ed. की डिग्री है, इसलिए उसे अयोग्य घोषित किया जाना गलत है।
प्रशासन का पक्ष:
- सरकार ने NCTE के हिंदी संस्करण का हवाला देते हुए कहा कि उसमें सिर्फ स्नातक में 50% अंक की बात की गई है, स्नातकोत्तर का कोई जिक्र नहीं है।
- उन्होंने यह भी कहा कि पोस्टग्रेजुएट योग्यता की गणना B.Ed. की पात्रता में नहीं होनी चाहिए।
कोर्ट का निर्णय:
न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकलपीठ ने कहा:
- NCTE रेगुलेशन के अंग्रेज़ी और हिंदी संस्करण में स्पष्ट विसंगति है।
- अंग्रेज़ी संस्करण में कहा गया है: “candidates with at least fifty percent marks either in the Bachelor’s Degree and/or in the Master’s Degree…”, जबकि हिंदी संस्करण में सिर्फ स्नातक का उल्लेख है।
- अनुच्छेद 348(1)(b)(iii) का हवाला देते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की अधिसूचनाओं में अंग्रेज़ी संस्करण ही अधिकृत और प्रभावी माना जाएगा।
महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ:
“चूंकि NCTE विनियम केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए हैं, इसलिए किसी भी विसंगति की स्थिति में अंग्रेज़ी संस्करण ही प्रभावी होगा।”
- कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता M.A. में 50% अंक और मान्य B.Ed. डिग्री के साथ पूरी तरह पात्र है।
- याचिकाकर्ता की उम्मीदवारी अस्वीकार करने का निर्णय कानून के अनुसार टिकाऊ नहीं है।
अंतिम आदेश:
- 17-09-2021 के आदेश को याचिकाकर्ता के संबंध में रद्द किया गया।
- राज्य सरकार को तीन माह के भीतर याचिकाकर्ता को नियुक्ति आदेश जारी करने और उससे संबंधित अन्य सभी लाभ (सिवाय मौद्रिक लाभों के) प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।
प्रकरण का नाम:
सुनिता गुप्ता बनाम मध्यप्रदेश राज्य व अन्य
रिट याचिका संख्या: W.P. No. 3673/2023
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