दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से टीएमसी लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर जवाब देने को कहा, जिसमें एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा पर सोशल मीडिया पर की गई “अपमानजनक” टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
हाईकोर्ट ने याचिका में चुनौती दी गई एफआईआर की वैधता और वैधता पर बहस के लिए मामले को 6 नवंबर को सूचीबद्ध किया।
पुलिस ने इस महीने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 के तहत मोइत्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जो किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से किसी शब्द, इशारे या कृत्य से संबंधित है।
1 जुलाई को लागू होने के बाद से दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा बीएनएस के तहत दर्ज की गई यह पहली एफआईआर थी।
तृणमूल कांग्रेस नेता ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो पर टिप्पणी की थी, जिसमें राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की प्रमुख रेखा शर्मा को 4 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ के स्थल पर पहुंचते हुए दिखाया गया था।
बाद में मोइत्रा ने उस पोस्ट को हटा दिया, जिसमें शर्मा के पीछे एक व्यक्ति को छाता पकड़े हुए और चलते हुए दिखाया गया था।
मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि मांगने के बावजूद उन्हें एफआईआर की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई।
इसके बाद पुलिस के वकील ने अदालत में याचिकाकर्ता के वकील को एफआईआर की प्रति सौंपी।
एफआईआर में कहा गया है कि एनसीडब्ल्यू ने मोइत्रा की कथित “अपमानजनक टिप्पणी” का स्वतः संज्ञान लिया और एनसीडब्ल्यू की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई।
एफआईआर में कहा गया है, “मोइत्रा द्वारा की गई भद्दी टिप्पणी बेहद अपमानजनक है और एक महिला के सम्मान के साथ जीने के अधिकार का सरासर उल्लंघन है।”