पड़ोसी राज्यों के पंजीकृत वाहनों से शराब तस्करी पर हाई कोर्ट की कड़ी कार्रवाई, मुख्य सचिव को दिए निर्देश कार्यवाही का आदेश

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के बाहर निबंधित हुए गाड़ियों से की जा रही शराब की तस्करी के मामले को गंभीरता से लिया हैं। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई करे। कोर्ट ने इसके साथ ही मुख्य सचिव से कहा की उत्पाद अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेटों को देश के किसी अन्य राज्यों में विशेष प्रशिक्षण देने के लिए भेजने की भी वे व्यवस्था करें, ताकि शराब माफिया की तस्करी से राज्य की अर्थव्यवस्था को चौपट होने से रोका जा सके।

न्यायाधीश पूर्णेंदु सिंह की पीठ ने सीताराम साह उर्फ सीताराम साहा की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश देते हुए उक्त निर्देश दिया।

न्यायालय ने मुख्य सचिव को सभी जिला परिवहन अधिकारियों को वैसे वाहनों के वास्तविक मालिकों का सत्यापन करने का आदेश दिया जो विशेष रूप से पड़ोसी राज्य या किसी अन्य राज्यों में पंजीकृत हैं। न्यायाधीश ने एक मामले में अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकृति देते हुए कहा कि उत्पाद अधिकारियों पुलिस अधिकारियों एवं जिला मजिस्ट्रेटों को अन्य राज्यों में विशेष प्रशिक्षण देने के लिए भेजने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

अन्य राज्यों में पंजीकृत वाहनों के सत्यापन के निर्देश-

कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य में हो रहे शराब की हो रही अवैध बिक्री की निंदा करते हुए मुख्य सचिव को कहा की वे राज्य के विभिन्न जिलों के सभी जिला परिवहन अधिकारियों को वैसे वाहनों के वास्तविक मालिकों का सत्यापन करने का आदेश दिया है जो विशेष रूप से पड़ोसी राज्य या किसी अन्य राज्यों में पंजीकृत हैं। बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी और जहरीली शराब की त्रासदी किसी से छुपी नहीं है। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश की प्रति भेजने का आदेश दिया ताकि वह अधिकारियों को फिर से समझा सकें।

ALSO READ -  ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि पिता पुत्री भद्दी टिप्पणी सुने बिना सड़क पर नहीं चल सकते- केरल हाईकोर्ट का अग्रिम जमानत से इनकार

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कथन-

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिनकर कुमार ने कोर्ट को बताया कि पश्चिम बंगाल में पंजीकृत गाड़ी से 62 लीटर विदेशी शराब बरामदगी का केस दर्ज किया गया है। उनका कहना था कि दर्ज प्राथमिकी में आवेदक का नाम कही नहीं है बाद में गाड़ी के ड्राइवर के ब्यान पर आवेदक का नाम गाड़ी मालिक के रूप में नाम दर्ज किया गया है। उनका कहना था कि गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गाड़ी की जिम्मेवारी बीमा कंपनी की है। बीमा कंपनी ही बता सकती है कि इस गाड़ी से कैसे शराब की तस्करी की जा रही थी।

पुलिस अधीक्षक एवं जिला प्रशासन पर तीखी टिप्पणी-

कोर्ट ने सभी पक्षों की ओर से पेश की गई दलील और दायर कागजात देखने के बाद आवेदक को अग्रिम जमानत दी और शेखपुरा के पुलिस अधीक्षक एवं जिला प्रशासन के कार्रवाई पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में सही मायने में शराबबंदी कानून को लागू करने में नाकाम रहने का नतीजा है कि सूबे में धड़ल्ले से शराब करोबार चल रहा है।

सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकृति देते हुए कहा कि यह राज्य में सही मायने में शराबबंदी कानून को लागू करने में निष्फल रहने का परिणाम है। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश की प्रति भेजने का भी आदेश दिया, ताकि इस पर कार्रवाई की जा सके।

You May Also Like