हाई कोर्ट का सख्त रुख, केंद्रीय बलों की जितनी कंपनियां चाहिए हम उपलब्ध करवा देंगे, प्रदर्शनकारियों को हटाकर मार्ग तुरंत खाली करवाये-

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कौमी इंसाफ मोर्चा के प्रदर्शनकारियों द्वारा चंडीगढ़-मोहाली मार्ग बाधित करने पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को यूटी प्रशासन और पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों को हटाने की क्षमता अगर दोनों में नहीं है तो

अदालत को बता दिया जाए, केंद्रीय बलों की जितनी कंपनियां चाहिए हम उपलब्ध करवा देंगे।

हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद अब पंजाब सरकार और यूटी प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर मार्ग खाली करवाने के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी है।

याचिका दाखिल करते हुए अराइव सेफ सोसाइटी चंडीगढ़ की ओर से एडवोकेट रवि कमल गुप्ता के माध्यम से बताया गया था कि सिख बंदियों की रिहाई के लिए कौमी इंसाफ मोर्चा ने चंडीगढ़-मोहाली मार्ग को बाधित किया है। इस कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की गई है।

मंगलवार को सुनवाई आरंभ होते ही पंजाब सरकार व यूटी प्रशासन की ओर से बताया गया कि चंडीगढ़-मोहाली के बीच प्रदर्शनकारियों द्वारा रोके गए मार्ग का एक हिस्सा खुलवा दिया गया है। दूसरी ओर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश होने के चलते उस तरफ कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले का शांति व सौहार्दपूर्ण तरीके से हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है और इसके लिए उन्हें चार सप्ताह की मोहलत दी जाए।

7 जनवरी से चल रहा है धरना-

जनवरी महीने से बंदी सिखों की रिहाई के लिए कौमी इंसाफ मोर्चा की तरफ से YPS चौक पर धरना दिया जा रहा है। इसमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड के आरोपी जगतार सिंह हवारा की रिहाई को लेकर मुख्य मांग रखी गई है। पिछले 9 महीने से यह धरना लगातार YPS चौक मोहाली में चल रहा है। इसकी वजह से चंडीगढ़ और मोहाली के बीच का रास्ता बंद है।

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यह मोर्चा गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को सजा और सजा पूरी कर चुके सिख बंधुओं को रिहा करने को लेकर 7 जनवरी को शुरू हुआ था। मोहाली के फेज-8 स्थित अंब साहिब गुरुद्वारा से लेकर इन्होंने चंडीगढ़ की तरफ कूच किया था। जब इन्हें YPS चौक से आगे चंडीगढ़ पुलिस ने रोक दिया तो वहां पर पक्का मोर्चा लगा लिया गया था।

8 फरवरी को हुई भिड़ंत

कौमी इंसाफ मोर्चा की तरफ से 6 फरवरी को फैसला किया गया था कि 31 लोगों का एक जत्था हर दिन मुख्यमंत्री आवास के लिए जाएगा। वहां पर वह शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करेगा। लेकिन तीसरे दिन 8 फरवरी को यह जत्था मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाने लगा तो, मोहाली -चंडीगढ़ के बैरियर सेक्टर 52-53 लाइट पॉइंट पर इनका पुलिस के साथ टकराव हो गया। इस टकराव में चंडीगढ़ और मोहाली पुलिस के कई जवान घायल हो गए थे। तब से यह मामला संवेदनशील बना हुआ है।

हाईकोर्ट ने इस पर फटकार लगाते हुए कहा कि इतने महीने से यह प्रदर्शन यूं ही जारी है और मार्ग बाधित होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शन के स्थान पर कुछ ही लोग मौजूद हैं और दल-बल होने के बावजूद उन्हें हटाने में यूटी व पंजाब पुलिस की असहाय तस्वीर दिखाई दे रही है।

हाईकोर्ट ने कहा कि अगर आप स्थिति को संभाल नहीं सकते तो कोर्ट में स्पष्ट कहें, केंद्रीय बलों की जितनी कंपनियां चाहिए हम उपलब्ध करवा देंगे लेकिन इस समस्या का हल निकाला जाए। हाईकोर्ट ने अब याचिकाकर्ता के वकील को मोर्चा स्थल की वर्तमान तस्वीर के साथ हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है।

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पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर सरकार के प्रयास दिखाई नहीं दिए तो सेना बुलाने में संकोच नहीं किया जाएगा। हाईकोर्ट ने मार्च में आदेश दिया था कि सरकार सुनिश्चित करे कि सड़क किसी भी प्रकार से बाधित न हो और आम आदमी को कोई खतरा या असुविधा न हो। सार्वजनिक मार्ग को अनिश्चित काल तक अवरुद्ध करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे में मार्ग को जल्द से जल्द खोला जाए।

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