क्रेडिट स्कोर का असेसमेंट सिबिल करता है. अमूमन 300 से 900 के बीच होता है. आइडियल स्कोर 750 होता है. हालाकि बैंकर, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन और लोन की किस्मों के हिसाब से यह स्कोरिंग बदलती भी रहती है.
कोरोना संकट के इस दौर में तमाम फाइनेंशियल दुश्वारियों के साथ एक दिक्कत लोन अदायगी के मोर्चे पर भी आई है. आमदनी कम होने और सैलरी कटने की वजह से बड़ी तादाद में लोगों की लोन अदायगी की क्षमता में कमी आई है और इसका असर यह हुआ है कि उनका क्रेडिट स्कोर घट गया है. अगर मोरेटोरियम पीरियड के बाद भी अगर लोग ईएमआई और क्रेडिट कार्ड पेमेंट में देरी कर रहे हैं तो इससे उनका क्रेडिट स्कोर का कम होना लाजिमी है.
आइए, देखते हैं कि इस संकट के दौर में भी अपने क्रेडिट स्कोर को कम होने से कैसे बचाया जाए.
अगर आप अपने लोन की ईएमआई चुकाने में देरी करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है. अपना क्रेडिट स्कोर सुधारने का सबसे अच्छा तरीका है आपने अब तक जितने भी पेमेंट नहीं किए हैं उन्हें तुरंत करें और आगे से वक्त पर ईएमआई चुकाएं.
क्रेडिट कार्ड पेमेंट के मिनिमम अमाउंट को करें जरूर अदा
अगर आप क्रेडिट कार्ड पेमेंट कर रहे हैं तो एक न्यूनतम अमाउंट जरूर चुकाएं. अगर आप ऑटोमेटिक मिनिमम अकाउंट में साइन-अप करते हैं तो आपका वक्त पर एक न्यूनतम पेमेंट चला जाता है. इससे आपके क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है.
आपका क्रेडिट यूटलाइजेशन रेश्यो भी क्रेडिट स्कोर में अहम भूमिका निभाता है. क्रेडिट यूटिलाइजेशन स्कोर जितना कम होता है, आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही अच्छा होगा. कई बार लोग लोन के लिए कई बैंकों में अप्लाई करते हैं. इससे आपकी स्क्रूटिनी बढ़ जाती है. इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है.