Income Tax: वित्त मंत्रालय ने किया इंफोसिस के सीईओ को तलब, नए e-filling portal की गड़बड़ियों को अभी तक ठीक नहीं किया गया-

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Income Tax: वित्त मंत्रालय ने इंफोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को 23 अगस्त को तलब किया है. जो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बताएंगे कि नए ई-फाइलिंग पोर्टल में गड़बड़ियों का समाधान क्यों नहीं हुआ-

Income Tax: काफी वक्त से New Income Tax e_Filling Portal नए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल में तकनीकी खामियां देखने को मिल रही हैं. वित्त मंत्री की ओर से भी कई बार इन तकनीकी खामियां को दूर करने के निर्देश इंफोसिस को दिए गए हैं लेकिन इसके बावजूद इन्हें दूर नहीं किया जा सका है, जिसके बाद अब वित्त मंत्रालय ने इंफोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को तलब किया है.

Income tax Department आयकर विभाग के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने इंफोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को 23 अगस्त को तलब किया है. जो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को यह बताएंगे कि नए ई-फाइलिंग पोर्टल लॉन्च होने के 2.5 महीने बाद भी पोर्टल में गड़बड़ियों का समाधान क्यों नहीं किया गया है. वहीं 21 अगस्त से पोर्टल ही उपलब्ध नहीं है.

इससे पहले Finance Minister वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि वह इस विषय पर इंफोसिस को लगातार ध्यान दिला रही हैं. उन्होंने कहा था, ‘मैं इंफोसिस (पोर्टल विकसित करने वाली कंपनी) को इस बारे में लगातार ध्यान दिला रही हूं, और (chief of Infosys) नंदन नीलेकणि मुझे आश्वासन के संदेश भेज रहे हैं कि वे अगले कुछ दिनों में समस्याओं को काफी हद तक सुलझा लेंगे.’

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समस्याएं जस के तस बनी हुई हैं-

इससे पहले वित्त मंत्री ने कहा था कि Portal पोर्टल जून की तुलना में इस समय काफी हद तक बेहतर काम कर रहा है लेकिन अब भी कुछ समस्याएं बनी हुई हैं. उन्होंने बताया कि राजस्व सचिव साप्ताहिक आधार पर इसकी निगरानी कर रहे हैं और अगले कुछ सप्ताह में इन खामियों को काफी हद तक ठीक कर लिया जाएगा.

जानकारी हो की नया आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल सात जून को शुरू किए जाने के बाद से ही कई तकनीकी खामियों से घिरा रहा है. इंफोसिस को 2019 में अगली पीढ़ी की आयकर फाइलिंग प्रणाली को विकसित करने का अनुबंध दिया गया था. ऐसी प्रणाली जिसमें Return रिटर्न निष्पादन की समयसीमा को 63 दिन से घटाकर एक दिन कर दिया जा सके और रिफंड जल्द हो सके.

Government of India सरकार ने पोर्टल विकसित करने के लिए जनवरी 2019 से जून 2021 के बीच अब तक इंफोसिस को 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

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